रायपुर में पार्टी के बड़े नेताओं के सामने भिड़ गए कोरबा के कांग्रेसी

न्यूज एक्शन। कोरबा कांग्रेस में नेताओं के बीच आपसी खींचतान मची हुई है। कोरबा कांग्रेस की गुटबाजी अब राजधानी रायपुर में भी सुर्खियां बनी हुई है। खबर तो यह है कि कोरबा कांग्रेस के नेता रायपुर में आयोजित बैठक में पार्टी के बड़े नेताओं के सामने ही भिड़ गए इससे पहले कोरबा कांग्रेस के दो नेताओं के बीच रायपुर एयरपोर्ट में कहासुनी इतनी बढ़ गई कि नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी। खबरों की मानें तो कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन को लेकर रायपुर में आयोजित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में यह पूरा तमाशा हुआ है। बैठक से पहले कोरबा कांग्रेस की गुटबाजी का टे्रलर एयरपोर्ट पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव मोतीलाल वोरा एवं प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया के सामने पेश आया। एयरपोर्ट में दबंग कांग्रेस नेता और कटघोरा के टिकट दावेदार नेता के बीच जमकर कहासुनी हो गई है। पार्टी के बड़े नेताओं के सामने ही दबंग नेता उग्र रूप में आकर हाथापाई पर उतारू हो गया। यहां जैसे तैसे हालात संभाला गया। बैठक शुरू होने पर फिर दबंग नेता की कहासुनी एक वरिष्ठ आदिवासी विधायक से हो गई। बताया जा रहा है कि दबंग नेता ने आदिवासी नेता पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया। इस आरोप पर बिफरे आदिवासी नेता ने भी पिछले लोकसभा चुनाव में कोरबा सीट की हार को लेकर दबंग नेता से जवाब तलब किया। इसी बात पर दोनों के बीच हो- हल्ला शुरू हो गया। इस विवाद में पार्टी के एक बड़े नेता को हस्तक्षेप करना पड़ गया। आदिवासी नेता के पद के अनुरूप उन्हें जवाब तलब करने की बात कहते हुए वरिष्ठ नेता ने दबंग नेता को बैठक से बाहर भेज दिया। बैठक में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार इस खबर के बाहर आने की बात लोग कह रहे हैं। अब तक कोरबा कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने नहीं आ रही थी, लेकिन राजधानी में हुए इस घटनाक्रम के बाद जिला कांग्रेस के गुटबाजी की कलई पूरी तरह से खुलकर रह गई है। गुटबाजी के चर्चाओं के बीच कहा तो यह भी जा रहा है कि कटघोरा विधानसभा सीट से एक प्रत्याशी लगभग एक करोड़ खर्च कर चुका है। जिसको दबंग नेता का समर्थन है। यही वजह है कि टिकट वितरण से पहले कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर जा पहुंची है।

जकांछ को हो सकता है फायदा
टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। भाजपा में भी हालात कुछ इसी तरह के हैं। भाजपा- कांग्रेस के भीतर मचे इस तूफान का फायदा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी को हो सकता है। भाजपा-कांग्रेस में अगर गुटबाजी हुई तो चुनाव में जकांछ प्रत्याशी बाजी मार जाएंगे। मौजूदा हालात में तो भाजपा-कांग्रेस की यह विषम परिस्थिति जोगी कांग्रेस के अनुकूल नजर आ रही है।

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