दंतैल ने दौड़ाया तो जान बचाने भागे दो ग्रामीण गड्ढे में गिरकर घायल
कोरबा 26 अप्रैल। वनमंडल कोरबा के अंतर्गत कुदमुरा रेंज में पहुंचा दंतैल लगातार उत्पात मचा कर ग्रामीणों तथा वन विभाग के नाक में दम कर दिया है। इसी दंतैल ने कल शाम फिर दो ग्रामीणों पर हमला करने की कोशिश की। ग्रामीणों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचायी। इस प्रयास में गड्ढे में गिरकर दोनों ग्रामीण घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कुदमुरा वन परिक्षेत्र के ग्राम कल्मीटिकरा में मंगलवार की शाम 5 बजे के लगभग घटित हुई। बताया गया कि कलमी टिकरा निवासी दो ग्रामीण महेश राठिया 34 व रोहित राठिया 28 वर्ष अपने खेत में लगे धान की फसल को देखने गए थे। इसी बीच उनका सामना क्षेत्र में घूम रहे खतरनाक दंतैल से हो गया। ग्रामीणों को देखकर दंतैल ने हमला करने के लिए दौड़ाया। इसी तरह दोनों ग्रामीणों ने भागकर अपनी जान बचायी। इस प्रयास में दोनों गड्ढे में गिर गए और घायल हो गए। जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे और घायलों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को छुट्टी दे दी गई है। इससे पहले सोमवार की रात पसरखेत में भी दो बाइक सवार ग्रामीणों पर हमला करने का प्रयास किया था। दोनों ने बाइक को छोड़ गड्ढे में छिपकर जान बचायी थी। दंतैल ने अपना गुस्सा उतारते हुए बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया था। उधर कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में भी दंतैल हाथियों का कहर लगातार जारी है। दंतैल हाथियों ने यहां के तरईमार गांव में बीती रात फिर उत्पात मचाते हुए कीर्ति पति प्रकाश नामक ग्रामीण महिला के घर को तोड़ दिया। इतना ही नहीं घर में रखे धान, चावल, महुआ को खाने के साथ ही घरेलु सामान जिसमें अलमारी व बर्तन भी शामिल है तहस-नहस कर दिया। दंतैल हाथियों के उत्पात से महिला को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जानकारी के अनुसार मरवाही क्षेत्र से पहुंचे दो दंतैल हाथी कल शाम 6.30 बजे के लगभग जंगल से निकले और 8.30 बजे तरईमार गांव में पहुंचकर जमकर उत्पात मचाने लगे। इस दौरान दंतैल हाथियों ने भारी कहर ढाया। दंतैल हाथियों के तरईमार गांव में पहुंचने तथा उत्पात मचाये जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला तत्काल बाइक में सवार होकर मौके पर पहुंचा और गांव में मुनादी कराने के साथ ही ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और उत्पाती हाथियों को खदेडऩे की कार्रवाई की। वन अमला द्वारा खदेड़े जाने पर हाथियों ने जंगल का रूख किया। जंगल पहुंचने से पहले रास्ते में कौशल कुमार के खेत में लगे धान की फसल को भी बूरी तरह रौंद दिया। वन अमला ने आज सुबह हाथियों द्वारा रात में किये गए नुकसानी का सर्वे करने के साथ ही अपनी रिपोर्ट तैयार की। पसान रेंज के जलके सर्किल में सात हाथी विचरणरत है। इन हाथियों ने यहां कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया।
जिले के कटघोरा एवं कोरबा वनमंडल में हाथियों का आतंक जारी है, जहां कटघोरा वनमंडल पसान व केंदई रेंज में 43 की संख्या में हाथी घूम रहे हैं। वहीं कोरबा वनमंडल के बालको एवं कुदमुरा क्षेत्र में 21 हाथी विचरणरत है। बालको रेंज में मौजूद 20 हाथी तो शांत हैए वहीं 34 हाथियों के केंदई रेंज के लालपुर व कापानवापारा में होने की सूचना मिली है। ये हाथी भी शांत है। जिले में हाथियों की आमद और उत्पात का सिलसिला दो दशक से भी जयादा समय से बनी हुआ है। जंगली जानवरों के हमले में होने वाली जनहानि के लिए अब पीडि़त परिवारों को पुनरीक्षित सहायता राशि 6 लाख रूपए दी जा रही है। पिछले वर्षों में यह राशि 4 लाख रूपए सुनिश्चित की गई थी। वन पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा बनायी गई व्यवस्था के अंतर्गत इसमें परिवर्तन किया गया। इसी तरह फसल और संपत्ति नुकसान के लिए मानक भी बनाए गए हैं। विभागीय सर्वे एवं आंकलन के साथ ऐसे मामलों में विभाग अगली कार्रवाई करता है। इन सबके बावजूद मूल सवाल कायम है कि कोरबा जिले में जिन रास्तों से होकर हाथियों का प्रवेश होता है, उन्हें बाधित करने के लिए स्थायी समाधान कब किये जाएंगे।