क्रिमिनल की कुंडली खंगालने पुलिस ने बनायी नई रणनीति

कोरबा 1 नवम्बर। पुलिस मुख्यालय रायपुर के द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में अपराध नियंत्रण किये जाने के लिए महानिरीक्षकों, पुलिस अधीक्षक व समकक्ष अधिकारियों की बैठक में डीजीपी ने अपराध नियंत्रण समीक्षा के दौरान हिदायत दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत जिलों में क्राईम को पूरी तरह से कंट्रोल करने में पूरी ताकत झोंक दें। इसी वजह से जिले के पुलिस कप्तान संतोष सिंह ने नई रणनीति के तहत थानेदारों व पुलिस कर्मियों को गली-मोहल्ले एवं घर द्वार पहुंचकर क्रिमिनलों की कुंडली खंगालने की नई रणनीति बनायी है।

जानकारी के अनुसार पुलिस कप्तान ने अपने मातहत राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने अनुभाग अंतर्गत थाना प्रभारियों एवं चौकी प्रभारियों को सुपरविजन करते हुए उनके क्षेत्र में घटित नए पुराने अपराधों की समीक्षा करते हुए आने वाले दिनों में क्राईम न बढ़ें, इसलिए थानेदार एवं चौकी प्रभारी अपने क्षेत्र के वार्ड पार्षदों ग्रामीण क्षेत्र में वार्ड के पंचों एवं जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेेने के साथ ही घर-घर में दस्तक देते हुए कौन अजनबी कितने दिनों से किस नाम एवं मोबाइल नंबर के साथ रह रहा है, इसका पूरा सत्यापन कर संबंधित थाना एवं चौकी में रिकार्ड संकलित किया जाएगा। जिससे की उस क्षेत्र में घटित होने वाली अपराधिक वारदातों को समझने एवं उसे सुलझाने में पुलिस को मदद मिल सके। पुलिस कप्तान के द्वारा निजात अभियान चलाये जाने के दौरान जिस तरह से मादक पदार्थों की बिक्री करने वालों एवं उसका सेवन करने वालों के उपर दुर्गामी प्रभाव पड़ा है। इसी का एक दूसरा सोपान हर मोहल्ले, गली एवं वार्ड में पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा पहुंचकर क्रिमिनलों के रिकार्ड संग्रहित किये जाने तथा आम लोगों से पुलिस का संबंध कैसा हो, यह तादात्मय में स्थापित करने के रूप में एक ठोस रणनीति व कार्यनीति बनेगी जो पुलिस को सफलता के द्वार पर पहुंचाने में कारगार साबित होगी।

गौरतलब है कि पुलिस विभाग का तीन दशक पूर्व से चला आ रहा मालिक नौकर किरायेदार, मकान मालिक सत्यापन योजना जितना कारगर साबित होना चाहिए नहीं हो सका है, लेकिन कोरबा जिले में नए अभिनव प्रयोग कर रहे मौजूदा कप्तान की रणनीति व कार्यनीति को देखकर लग रहा है कि वास्तव में पुलिस की क्रिमिनलों की कुंडली खंगालने का यह एजेंडा कारगर साबित होगा।

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