वंदना संयंत्र को खरीदने वाली पार्टी ने विशाल चिमनी को किया ध्वस्त


कोरबा 15 अक्टूबर। छुरिकला नगरीय क्षेत्र में वंदना पावर प्लांट की चिमनी को ध्वस्त करने की कार्रवाई पूरी की गई। इस काम को उस पार्टी के द्वारा किए जाने की जानकारी मिली जिसने पंजाब नेशनल बैंक से नीलामी में इस प्रोजेक्ट को हासिल किया। प्रशासन को इस बारे में क्या कुछ जानकारी दी गई, इससे अधिकारियों ने इनकार किया।

कटघोरा सबडिवीजन और तहसील के अंतर्गत आने वाले छोरी कला मैं वंदना पावर एंड एनर्जी के लिए एक दशक पहले जमीन अर्जित की गई थी। 1000 मेगावाट से अधिक क्षमता वाले संयंत्र की स्थापना को लेकर संबंधित उद्योगपति ने पंजाब नेशनल बैंक से भारी भरकम कर्ज लिया था। संयंत्र निर्माण की दिशा में काफी कुछ काम हुआ लेकिन इसकी उपयोगिता ज्यादा समय तक नहीं रह सकी। लगातार किसी ना किसी विवाद से प्रबंधन का सामना होता रहा और इन्हीं सब चक्कर में उसने संचालन से हाथ खींच लिए। स्थिति ऐसी निर्मित हुई थी उसे दिवालिया होना पड़ा। इसके चलते वंदना पावर एंड एनर्जी को करोड़ों का कर्ज देने वाले पंजाब नेशनल बैंक ने इस प्रोजेक्ट को सीज कर दिया था।

जानकारी के मुताबिक पिछले वर्षों में इसे नीलामी की प्रक्रिया में शामिल किया गया। इस कड़ी में आगे की कार्रवाई की गई। इसके अंतर्गत आज सुबह परियोजना स्थल में केमिकल इफेक्ट के साथ यहां की विशाल चिमनी को ध्वस्त कर दिया गया। बहुत कम समय में इस कार्रवाई को पूरा किया गया ताकि और किसी प्रकार का फ़साद उत्पन्न ना होने पाए। वंदना पावर से संबंधित प्रतिनिधि ने बताया कि डिस्मेंटल की कार्रवाई उसे नीलामी में प्राप्त करने वाली पार्टी के द्वारा की गई है। प्रतिनिधि ने चिमनी ध्वस्त होने की कार्रवाई को लेकर अनभिज्ञता जताई। कोरबा जिले में वंदना पावर का नाम स्थापना से लेकर लंबे समय तक विस्थापितों के साथ विवाद को लेकर चर्चित रहा। गलत तरीके से जमीन लेने और कामकाज में दुरुपयोग किए जाने के आरोप प्रबंधन पर लगते रहे। अनेक अवसरों पर इसे लेकर सड़क पर मोर्चा खोला गया और संयंत्र का कामकाज भी बंद करवाया गया। इसके बाद स्थितियां प्रतिकूल होते गई और आखिरकार वंदना के दरवाजे ही बंद हो गए। वंदना की नीलामी का रास्ता भले ही साफ हो गया है लेकिन इस बीच यह पता नहीं चल सका है कि पंजाब नेशनल बैंक ने जो कर्ज वंदना की स्थापना करने वाले समूह को दिया था, उसका आखिर हुआ क्या।

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