कोरबा में रेत माफिया कर रहा अवैध खनन, शासन को हो रही प्रति माह लाखों की क्षति
कोरबा 30 सितम्बर | कागजों में तो शहर की रेत खदानें 15 अक्टूबर तक के लिए बंद हैं, लेकिन हकीकत में रेत माफिया दिन- रात अवैध उत्खनन कर रेत की तिजारत कर रहा है। प्रतिदिन बंद खदानों से बड़ी मात्रा में रेत का अवैध खनन और तस्करी की जा रही है। शासन को प्रतिमाह लाखों रुपयों की रायल्टी की क्षति पहुंच रही है।
जानकारी के अनुसार शहर में बिना रायल्टी के ही अवैध रूप से रेत का परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है। सीतामणी रेत खदान और भिलाई खुर्द से पहले रात के अंधेरे में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था पर अब दिन में भी अवैध रूप से उत्खनन और ट्रैक्टरों से परिवहन किया जा रहा है। एनजीटी के नियमो के तहत 15 अक्टूबर तक रेत खदान बंद करने का आदेश है। लेकिन गत वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी एनजीटी के नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। लेकिन इन रेत माफिया पर किसी भी तरह की कार्यवाही करने की फुर्सत न तो खनिज विभाग को है ना ही पर्यावरण विभाग को। इससे इन रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हो चले है। इसके अलावा शासन को भी लाखो रुपए राजस्व की हानि हो रही है।
उल्लेखनीय है कि कोरबा के सीतामणी, भिलाई खुर्द के अलावा कटघोरा तथा आसपास के क्षेत्र में अहिरन नदी, गोड़मा नाला क्षेत्र में नदी से रेत माफिया अवैध रूप से रेत निकाल कर सप्लाई कर रहे हैं। एक ओर तो रायल्टी का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर जिन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है वह भी बिना नम्बर के नजर आते है। ट्रैक्टर नम्बर ना लिखे होने से शिकायत नहीं हो पाती है। ग्रामीणों ने अवैध रूप से रेत का परिवहन करने वाले एवं बिना नम्बर के ट्रैक्टर पर कार्रवाई की मांग की है।
आपको बता दें कि सीतामणी रेत खदान का विवादो से पुराना नाता रहा है। यहां गत वर्ष भी ठेकेदार को नदी पर ही भंडारण की अनुमति दे दी गई थी जिसे लेकर लगातार विवाद और शिकायते हुई थी। इस दौरान भी एनजीटी के नियमों का खुला उलंघन हुआ था। साथ ही रेत का अवैध उत्खनन किया गया था। वर्तमान में भी यही स्थिति है।
ज्ञात हो कि अभी एन जी टी के नियमों के तहत खदान से उत्खनन की अनुमति नहीं है इसलिए विभाग की जिम्मेदारी है कि वह खदान में प्रवेश करने वाले स्थान को प्रतिबंधित करे। लेकिन लगता है कि विभाग प्रवेश मार्ग में लगे बेरियर में ताला बंद न कर एक तरह से रेत माफियाओं को अवैध उत्खनन का आमंत्रण दे रहा है।