पी. डी. एस. परिवहन: महावीर जैन ने उठाया हाथ, नियम विरुद्ध आबंटित हुआ ठेका
कोरबा 29 सितम्बर। पी. डी. एस. के चावल की अफ़रा तफरी के आरोप में पुलिस में अपराध दर्ज होने के बाद छ. ग. राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के पी. डी. एस. की सामाग्री के परिवहन ठेकेदार महावीर जैन ने अपना हाथ खड़ा कर दिया। इसके बाद यह ठेका, नियमों को ताक पर रखकर दो अन्य लोगों को आबंटित कर दिया गया। रातों- रात लिए गए इस फैसले ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह पी. डी. एस. के परिवहनकर्ता की ट्रक से चावल अफ़रा-तफरी की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। कलेक्टर संजीव झा के निर्देश पर एस. डी. एम. हरिशंकर पैकरा ने राजस्व और खाद्य विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ शिकायत की जाँच की थी। जांच में संबंधित ट्रक में 11 क्विंटल चावल कम पाया गया था। इसके बाद कलेक्टर के आदेश से परिवहन ठेकेदार महावीर जैन और ट्रक चालक के खिलाफ पुलिस ने एफ़. आई आर. दर्ज किया गया था।
जानकारी के अनुसार पुलिस रिपोर्ट के बाद ट्रांसपोर्टर महावीर जैन ने नान को लिखकर दे किया कि वह पी. डी. एस. का परिवहन कार्य नहीं करेगा। इसके बाद जिला प्रशासन ने आनन फानन में परिवहन का यह कार्य सुतर्रा निवासी राहुल डिक्सेना और कोरबा के शैलेन्द्र शर्मा को आबंटित कर दिया। नियमों के अनुसार ये दोनों ही व्यक्ति अपात्र हैं। राहुल डिक्सेना को पाली और पोंड़ी-उपरोड़ा तथा शर्मा को कोरबा करतला का काम दिया गया है। डिक्सेना राईस मिल संचालक होने के वाहन कम होने के कारण और शर्मा पर्याप्त संख्या में वाहन नहीं होने के कारण अपात्र है। लेकिन कलेक्टर संजीव झा ने नियमों की खुली अनदेखी कर ठेका आबंटित कर दिया है।
नियमों की इस अनदेखी के बाद शहर में कई तरह की चर्चाएँ हो रही है। एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि क्या किसी ने ठेका परिवर्तन के लिए कोई पटकथा लिखी थी और साजिश रची थी ? आखिर शासन के निर्देशों और नियमों की अवहेलना कर अपात्र लोगों को परिवहन ठेका क्यों दिया गया? क्या पी. डी. एस. के चावल की राईस मिल और बाजार में खरीद-फरोख्त पर इससे रोक लग सकेगी ? कहीं, इसके पीछे चावल की सुनियोजित हेराफेरी की योजना तो नहीं है? यदि हाँ तो इसका मास्टर माइंड कौन है? क्या मास्टर माइंड को बेनकाब किया जाएगा? क्या कलेक्टर संजीव झा पी. डी. एस. के सामानों की अफरा-तफरी में नान और खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करायेंगे और वास्तविक तथ्यों को सार्वजनिक करेंगे? बहरहाल इस मामले ने पूरे प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है।