फर्जी आंकड़ों की बाजीगरी बंद करें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल- नूर आरबी

कोरबा। भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ जिला सह संयोजक मो. न्याज नूर आरबी ने कहा है कि फर्जी आंकड़ों की बाजीगरी बंद कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यह बताएं कि छत्तीसगढ़ में केंद्रीय प्रोजेक्ट 10 हजार करोड़ महंगे होने के पीछे उनकी मंशा क्या है। केंद्रीय परियोजनाओं का काम लटका कर वे क्या दिखाना चाहते हैं। भूपेश बघेल की राज्य सरकार तो विकास की 1 ईंट तक नहीं रख पाई। भाजपा की केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य समेत छत्तीसगढ़ के विकास के लिए काम कर रही है तो उसमें भी हीलाहवाली, अड़ंगेबाजी करके प्रोजेक्ट्स की मियाद और लागत बढ़वाने का कुचक्र रचा जा रहा है। भूपेश बघेल की सरकार केंद्रीय मद के कार्यों में भ्रष्टाचार के लिए पहचानी जाती है। मनरेगा के पैसे कहां किस गौठान में खर्च हो रहे हैं, यह सबको पता है। केंद्रीय योजनाओं को अधोगति का शिकार बनाया जा रहा है। केंद्र के छत्तीसगढ़ के 16 लाख गरीब परिवारों के आवास के लिए 10 हजार करोड़ की राशि मंजूर की लेकिन भूपेश बघेल ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास नहीं बनने दिए। केंद्र की हर विकास योजना में भूपेश सरकार बाधक बन रही है और देश के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है।

मो. न्याज नूर आरबी ने कहा कि कोरबा जिला के नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा मिलरो से इतनी कमीशन की राशि ले ली गई है कि मिलरो द्वारा नान गोदामों में जो भी चावल भेजा जा रहा है चाहे वह कितना भी घटिया क्वालिटी का हो उसे मानक स्तर का रिपोर्ट तैयार कर गोदामों में जमा कर लिया जा रहा है। इसमें खाद विभाग की भी भूमिका संदेह के घेरे में है। पूरे कोरबा जिले में प्रधानमंत्री गरीब अनाज कल्याण योजना में जिस तरह भ्रष्टाचार व्याप्त है उससे यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है की दुकानदारों से खाद्य विभाग कितना कमीशन लेता होगा।
जबकि केंद्र की योजनाओं की नोडल एजेंसी राज्य होता है और राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए कि प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे हो। परियोजना के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न हो रही है तो उसका त्वरित समाधान निकाला जाए। ताकि विकास योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल सके लेकिन छत्तीसगढ़ में इसके उलट स्थिति है। यहां बाधा दूर करने की जगह बाधा खड़ी की जाती है और दोष केंद्र सरकार के मत्थे मढ़ दिया जाता है। प्रधानमंत्री आवास के मामले में तो भूपेश बघेल के तत्कालीन पंचायत मंत्री टी. एस. सिंहदेव स्वयं भेद खोल चुके हैं। भूपेश बघेल सरकार को यह समझना चाहिए कि इस तरह वह अपनी चाल में सफल नहीं हो सकती। जनता देख रही है कि इस बार सरकार न तो खुद विकास कर रही है और ना ही केंद्र सरकार को करने दे रही है। कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ के विकास में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है जो कि सिर्फ 1 साल की मेहमान है।

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