रोजगार की मांग को लेकर ग्रामीणों ने फिर रोका गेवरा खदान, त्रिपक्षीय वार्ता के बाद समाप्त हुआ आंदोलन
कोरबा 13 जून। एसईसीएल की गेवरा खदान में मिट्टी कटाई व इसे हटाने का काम कर रही ठेका कंपनी हरेराम गोदरा की परेशानी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। रविवार को उमेंदीभाठा व मुढिय़ानार के भूविस्थापित ग्रामीणों ने रोजगार की मांग को लेकर कांग्रेस नेता मुरली महंत के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन करते हुए ओबी का काम ठप कर दिया और अपनी आवाज बुलंद की।
ग्रामीणों द्वारा एकाएक किये गए प्रदर्शन से ठेका कंपनी व एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी सख्ते में आ गए। ग्रामीणों द्वारा रोजगार की मांग को लेकर खदान में प्रवेश करने व ओबी का काम ठप कर दिए जाने की जानकारी जैसे ही एसईसीएल प्रबंधन तथा ठेका कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को मिली। वे तत्काल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें मनाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा। ग्रामीणों ने सड़क पर धरना देकर काम को ठप करा दिया। ग्रामीणों के आंदोलन के चलते मिट्टी खनन व उसे हटाने का काम चार घंटे तक प्रभावित रहा। बाद में प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद आंदोलनकारी माने और त्रिपक्षीय वार्ता करने को सहमत हुए। त्रिपक्षीय वार्ता में प्रशासन की ओर से एसडीएम कटघोरा, तहसीलदार दीपका व एसईसीएल प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक खनन गेवरा परियोजना श्री भाटी तथा ठेका कंपनी हरेराम गोदरा के प्रतिनिधि शामिल हुए। ग्रामीणों की ओर से वार्ता में मुरली महंत व अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। त्रिपक्षीय वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि खदान प्रभावित उमेंदीभाठा तथा मुढिय़ानार के 25-25 ग्रामीणों को कंपनी ड्राइवर, हेल्पर व अन्य काम पर रखेगी। इसके लिए शीघ्र ही कदम उठाया जाएगा। वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता मुरली महंत ने साफ शब्दों में कहा कि ग्रामीणों को रोजगार देना ही होगा। इसके लिए उन्होंने कंपनी को औपचारिकता पूरा करने के लिए 15 दिन का समय देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 15 दिवस के भीतर यदि कंपनी समझौते के मुताबिक ग्रामीणों को काम पर नियोजित नहीं करती है तो ग्रामीणों की मदद से फिर से आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना के लिए एसईसीएल प्रबंधन व ठेका कंपनी जिम्मेदारी होगी। रोजगार देने के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने अपना आंदोलन समाप्त किया। प्रदर्शन केदौरान रमेश पाटले, रोहित कुमार, रामदास, तुलसी दास, सोना दास, रमेश दास, पंचराम, श्यामसुंदर महंत, अजीत दास, भुवन पाल, दर्शन दास, रविंद्र जांगड़े, धनंजय, राकेश धोबी, शिवा भारद्वार, गोपाल दास, पवन महंत, पितांबर व विकास समेत उमेंदीभाठा व मुढिय़ानार के ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।