प्रबंधन द्वारा खदानबंदी की बात करना बेमानी – दीपेश मिश्रा
कोरबा 28 अप्रैल। कोयला प्रबंधन ने आनन-फानन में क्षेत्रीय संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक बुलाकर दो टूक कहा कि सुराकछार खदान मे आए दिन खुलेआम कोयला चोरी की घटनाओं पर विराम नहीं लग रहा है इसलिए अपनी नौकरी बचाने के लिए हमने खदान बंदी का प्रस्ताव रखा है, जिसे श्रम संगठन ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
प्रबंधन यह तर्क दे रहा है कि खदान के अंदर से जो कोयला निकलता है, उसे तौल कर रखा जाता है और वहीं से कोयला सीधे चोरी हो जा रही है, जो कि एक गंभीर मामला है। क्योंकि इस बीच अकस्मात स्टॉक मेजरमेंट होती है तो कोयला कम होना पाया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारी नप जाएंगे। एटक नेता दीपेश मिश्रा ने कहा कि प्रबंधन द्वारा खदानबंदी की बात करना बेमानी है। क्योंकि खदान बंद होने से वहां के कर्मचारी और आसपास के छोटे.मोटे धंधा करने वाले लोग सभी रोड पर आ जाएंगे। अफरा-तफरी मच जाएगी। ए जहां तक कोयला चोरी रोकने की बात है उसके लिए कारगर कदम उठाया जाना चाहिए। जरूरत पड़े तो इसमें प्रशासन का मदद लिया जा सकता है क्योंकि कोयला सिर्फ कंपनी की ही नहीं बल्कि देश की संपत्ति है इसका चोरी रोकना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश में अभी कोयले की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है इस बीच प्रबंधन द्वारा खदान बंदी की बात कहना हास्यास्पद है हम श्रम संगठन इनका विरोध करते हैं। दीपेश मिश्रा ने अंत मे कहा कि किसी भी कीमत मे खदान बंद नहीं होने दिया जाएगा जहां तक कोयला चोरी रोकने की बात है उसके लिए कारगर उपाय किए जाएंगे।