हमर छत्तीसगढ़ @ आसिफ़ इक़बाल
💚🌑झीरम घाटी लाल हमले की जांच करने न्यायिक आयोग पुनर्गठित,,,,,
वर्ष 2013 में झीरम घाटी कांग्रेस नेताओं के खून से लाल हो गई थी।झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले को घेरकर नरसंहार की जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया था। झीरम घाटी में हमले की जांच करने भूपेश-सरकार ने नए सिरे से न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है।
झीरम घाटी की घटना के बाद तत्कालीन सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में एकल सदस्य आयोग का गठन किया था, जिस पर जांच का वृहत काम भी हुआ था, लेकिन जस्टिस प्रशांत मिश्रा का तबादला आंध्र प्रदेश हो गया। इसके बाद आयोग के सचिव ने 4184 पेज की 10 अध्यायों की जांच रिपोर्ट सीधे राज्यपाल महोदया को सौंप दी थी।इस पर भूपेश-सरकार ने कड़ी आपत्ति उठाई थी। बताते हैं, भूपेश-सरकार ने बीते सितंबर माह में आयोग का कार्यकाल बढ़ाने पत्र लिखा था जिसके एक माह बाद जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी गई थी। अब भूपेश-सरकार ने जांच करने दो सदस्यीय न्यायिक आयोग का पुनर्गठन करते हुए सिक़्क़ीम हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश कुमार अग्निहोत्री की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन करते हुए जस्टिस जी. मिन्हाजुद्दीन को सदस्य बनाया गया है। पुनर्गठित आयोग की जांच में तीन नए बिंदुओं को जोड़ा गया है। क्या घटना के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कदम उठाए गए थे। इसके साथ ही यह भी जोड़ दिया गया है कि अन्य बिंदु आयोग या राज्य शासन के पारिस्थितिक आवश्यकतानुसार निर्धारित किए जायेंगे। सरकार बनाने के बाद, कांग्रेस ने वर्ष 2019 में जांच का दायरा बढ़ाते हुए इसमें 8 नए बिंदुओं को शामिल किया गया था। पुनर्गठित जांच आयोग का मुख्यालय रायपुर व कैम्प जगदलपुर रहेगा।पुनर्गठित आयोग ने मामले से जुड़े लोगों को बयान व साक्ष्य देने के लिए शपथ पत्र व पहचान पत्र के साथ बुलाया है।
💚🌑बस्तर कैफे नई दिल्ली व रायपुर में खोलने की पहल शुरू,,,,,,
कहा जाता है “जैसा बोवोगे, वैसा काटोगे” यह कहावत ‘हमर छत्तीसगढ़’ में सौ फीसदी सच साबित होने लगी है। छत्तीसगढ़ की चाय व कॉफी का स्वाद बस्तर कैफे के ज़रिए राजधानी रायपुर ही नहीं, देश की राजधानी नई दिल्ली तक पहुँचने वाली है। गौरतलब है कि बीते दिनों कांग्रेस के सांसद व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित प्रदर्शनी में बस्तर मंडप में बस्तरिया कॉफी का स्वाद लिया था और कॉफी की सराहना करते हुए बड़ी नामी कम्पनियों के साथ एम ओ यू करने का मशविरा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिया था। अब यह बात भी आगे चलकर फ़लीभूत होने लग गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा भी बस्तर-सरगुजा संभागों में चाय व कॉफी की खेती को बढ़ावा देने और बस्तर कैफे को विस्तारित करने की रही है। अभी हाल ही में, टी-कॉफी बोर्ड की महतवर्ण बैठक मंत्रालय में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यकक्षता में आयोजित की गई, जिसमें बड़े सकारात्मक फैसले लिए गए हैं। टी-कॉफी बोर्ड की बैठक में तय किया गया है कि जशपुर ज़िले में चाय व बस्तर में कॉफी की खेती को बढ़ावा देने की कार्य-योजना तथा टी-कॉफी के उत्पादों के लिए आवश्यक संसाधनों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई और यह तय किया गया कि बस्तर ज़िले में हर 1000 एकड़ में कॉफी की खेती को विस्तारित करने का लक्ष्य रहेगा। बताया गया है कि वर्ष 2026 तक कुल 5820 एकड़ में कॉफी की खेती होने लगेगी। इसके लिए वृहत कार्य- योजना तैयार की गई है।टी-कॉफी बोर्ड में आगे यह भी बताया गया है कि दरभा में 20 एकड़ में लगाए गए कॉफी के प्लांटेशन से उत्पादन होने लगा है। पहले चरण में 8किंवटल कॉफी का उत्पादन हुआ है, जिसका उपयोग जगदलपुर में बस्तर कैफे से माध्यम से किया जाने लगा है,जहां हर दिन 2 किलो कॉफी की खपत होने लगी है। काफी की उत्पादित मात्रा के उपयोग व मार्केटिंग के लिए कम से कम तीन और कैफे शुरू किए जा सकते हैं। बस्तर कॉफी की ब्रांडिंग के लिए रायपुर व नई दिल्ली में बस्तर कैफे शुरू किए जाने की बात कही गई है।कॉफी-खेती की कार्य-योजना के लिए बताया गया है कि बस्तर ज़िले में कुल 5108 एकड़ में कॉफी की खेती प्रस्तावित है,जिसमें लोहंडीगुड़ा के 11 गांवों में 1027 एकड़, तोकापाल ब्लाक में 09 गांवों में 1075 एकड़, बसतानार के 14 गांवों में 1445 एकड़, दरभा ब्लाक के 13 गांवों में 1101 एकड़, बकावण्ड के 07 गांवों में 460 एकड़ में काफी की खेती प्रस्तावित है। इतना ही नहीं, दरभा में कृषि कालेज जगदलपुर में 245 एकड़ में कॉफी प्लांटेशन की तैयारी पूरी कर ली गई है। उद्यानिकी विभाग द्वारा बंगलुरू से चन्दगिरी किस्म की कॉफी के 2.50 किंवटल बीज मंगाए जा रहे हैं, जिससे 5 लाख पौधे तैयार किए जाएंगे, जिसे 500 एकड़ में रोपण किया जाएगा। इसी तरह कृषि कालेज जगदलपुर भी बंगलुरू की कॉफी बोर्ड से एक किंवटल बीज प्राप्तकर 2 लाख पौधे तैयार कर उसे 200 एकड़ में रोपण कर खेती को विस्तारित किया जाएगा।बस्तर में उत्पादित कॉफी की मार्केटिंग के लिए निजी कंपनियों से इस शर्त के साथ अनुबंध किया जाएगा कि कॉफी ब्रांड में बस्तर का नाम अनिवार्य रूल से शामिल किया जाएगा। इसकी प्रोसेसिंग के वास्ते मशीन की स्थापना के लिए ज़रूरी राशि का इंतज़ाम ‘डीएमएम’ फंड से सुनिष्चित किए जाने की तैयारी भी की गई है। इसी तरह सुकमा जिले में भी कॉफी की खेती के लिए क्षेत्र चिन्हांकित करने के निर्देश दिए गए हैं। टी-कॉफी बोर्ड की बैठक में उद्योग मंत्री कवासी लखमा, मुख्यसचिव अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह,बोर्ड के प्रबंध संचालक अरुण प्रसाद, उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन वी. सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
💚🌑गोधन न्याय मिशन के सुखद परिणाम आने लगे, गोबर से गौठानों के लिए बनेगी बिजली,,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय मिशन के अब सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप इस योजना की खास बात यह है कि गौठानों के लिए गोबर से बिजली बनाने के वास्ते 10-10 करोड़ के प्रस्ताव पर 5 उद्यमियों ने अनुबंध(एमओयू) किया है। बीते दिनों महानदी भवन स्थित मंत्रालय में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें वन व पर्यावरण परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ, एस भारतीदासन, कृषि संचालक यशवंत कुमार, उद्यानिकी संचालक माथेश्वरी वी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। बिजली बनाने के लिए गौठानों में खरीदे जाने वाले गोबर का उपयोग अनुबंधित उद्यमियों द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही निजी डेयरी फार्म के गोबर तथा शहर से एकत्र गारबेज का उपयोग भी बिजली बनाने के लिए किया जा सकेगा। बैठक में कृषि मंत्री ने गौठानों की आयमूलक गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। कृषि मंत्री ने गौठानों में उत्पादित वर्मी खाद और अन्य उत्पादों की मार्केटिंग व बिक्री की सुव्यवस्थित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि किसान वहां से वर्मी खाद व सुपर कम्पोस्ट का उठाव आसानी से जर सकें।कृषि मंत्री ने उसके लिए आवश्यक नियम निर्देश तैयार करने भी कहा।मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने सुझाया कि गौठानों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से इच्छुक उद्यमियों को जोड़ा जाना चाहिए ताकि ग्रामीण उद्योग को बढ़ावा मिले और युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके। प्रदीप शर्मा ने यह भी कहा कि उपयुक्त गौठानों का चयन कर युवा उद्यमियों को उद्योग स्थापना के लिए भूमि उपलब्ध कराया जाना चाहिए।बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि गोधन न्याय मिशन में पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि गोधन न्याय मिशन के तहत राज्य स्तर पर स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए ताकि गौठानों के माध्यम से किस सामग्री
का कितना उत्पादन किया जाना चाहिए, ताकि उसके मारकेर्टिंग व बिक्री का प्रबंध किया जा सके।गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ एस भारतीदासन ने बैठक के शुरुआत में मिशन के कार्य, उद्देश्य एवं विस्तार की जानकारी देते हुए बताया कि मिशन के काम में तेजी लाने के लिए 11.56 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने आगे यह भी बताया कि राज्य में अब तक 10,591गौठान स्वीकृत किए गए हैं,जिनमें से 8,048 गौठान निर्मित व संचालित हैं। गौठानों में गोबर विक्रय हेतु अब तक 2.87 लाख ग्रामीण पशुपालक पंजीकृत हैं,जिसमें से 2.04 लाख गोबर विक्रय कर लाभान्वित हो रहे हैं।गौठानों में 62.60 लाख किंवटल गोबर क्रय के एवज में 125.22 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। यह भी आगे बताया गया कि 2549 गौठान स्वावलम्बी हो गए हैं तथा इनसे 11, 477 महिला स्व-सहायता समूह जुड़े हैं और महिला समूहों को 51.53 लाख रुपए की आय विविध गतिविधियों से हुई है। गौठान समितियों को 46.44 करोड़ रुपए का भुगतान तथा स्व सहायता समूहों को 30.34 करोड़ रुपए की लाभांश राशि का भुगतान किया गया है। गौठानों में अब तक 15.30 लाख किंवटल कम्पोस्ट का उत्पादन तथा 9.41 लाख किंवटल का विक्रय किया गया है।
💚🌑कोरबा ज़िले में ‘रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’ निर्माण में तेज़ी लाने की हिदायत,,,,,,
कोरबा ज़िले में स्थानीय ग्रामीणों को स्वरोज़गार से जोडने और स्थानीय उत्पादों की बड़े बाजारों तक पँहुच बनाने के उद्देश्यों से “रूरल इंडस्ट्रियल पार्क” निर्माण कार्यो में तत्काल प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कोरबा ज़िले की कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने पंचायत, कृषि व उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में दिए।गौरतलब है कि पहले चरण में कटघोरा विकास खंड जे अभनपुर गौठान और पौड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के कपुबेहरा गौठान में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाने का काम चल रहा है।यह भी कहा गया है कि रिपा क्षेत्र में शेड निर्माण में तेज़ी लाने के लिए कहा गया है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने रिपा क्षेत्र में लगने वाले प्रोसेसिंग यूनिट,निर्माण यूनिट इकाई की कार्ययोजना दो दिनों के भीतर देने के भी निर्देश अधिकारियों को डियड गए हैं। कलेक्टर ने रिपा क्षेत्र में स्थानीय फल-सब्ज़ी से बनने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पादों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के भी निर्देश दिए है।कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने आलू चिप्स, अमरूद शेक बार, काजू शेक, मैंगो बार, सीताफल से आइस्क्रीम आदि की यूनिट लगाने के भी निर्देश दिए।इसके साथ ही डिस्पोजल प्लेट, गिलास, प्लासिटक सोप केस, बाल्टी, खिलौने बनाने की यूनिट लगाने के भी निर्देश दिए हैं।कलेक्टर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में विभागीय अधिजारियो से यह कहा कि रिपा क्षेत्र को मल्टीएक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित करने मोबाइल रिपेयरिंग,बांस कारीगिरी, एल ई डी निर्माण, मशरूम उत्पादन के लिए यूनिट लगाने भी कहा है।इसके साथ ही उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग व मार्केटिंग सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।कलेक्टर ने लेमन ग्रास से बनने वाले उत्पादों की जानकारी लेकर लेमनग्रास की खेती कराने के बारे में भी कहा। श्रीमती रानू साहू ने स्थानीय स्तर पर उत्पादत सुगन्धित जैविक चांवल की प्रोसेसिंग के लिए बड़ी राइस मिल लगाने के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए।
💚🌑राजधानी के नया रायपुर में “बालको” का कैंसर मेडिकल सेंटर चमका,,,,,,
विश्व कैंसर दिवस पर देश व ‘हमर छत्तीसगढ़’ की सबसे बड़ी एल्युमिनियम कम्पनी “बालको” ने कैंसर मुक्त व स्वस्थ जीवन की सदकामनाओं के साथ नया रायपुर के सेक्टर-36,अटल नगर में “बालको मेडिकल सेंटर” की स्थापना की गई है,जहां कैंसर के शीघ्र निदान एवं समयोचित इलाज की सम्पूर्ण मेडिक्ल व्यवस्था है।बालको मेडिकल सेंटर में कैंसर के इलाज सहित मुफ्त स्तन कैंसर निरीक्षण, एफ एन ए सी पैप स्मीयर, मुंह के कैंसर की जांच एवं कैंसर विशेषज्ञ द्वारा परामर्श (टेली कंस्लटेंशन उपलब्ध) के साथ डिजिटल मेमोग्राफी-दोनों स्तन (50℅ छूट) की भी व्यवस्था रखी गई है। बालको मेडिकल सेंटर में विश्वस्तरीय कैंसर देखभाल सहित यहां रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसिन, सजिर्कल ऑन्कोलॉजी,रक्त सम्बन्धी सभी बीमारियां, कीमोथेरेपी, इम्युनो थेरेपी एवं टारगेटेड थेरेपी, अंकोपैथॉलॉजी एवं डायग्नोसिटिक, पैन एवं पैलिएटिव केयर की समुचित व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाती है। बालको मेडिकल सेंटर नया रायपुर में छत्तीसगढ़ शासन, डॉ खूबचंद बघेल योजना, आयुष्मान भारत, बी एस के वाय,ऐन एच एम एवं कोल इंडिया(एस इ सी एल,एस ए आई एल,सी आर पी एफ,ईं सी एच एस व बीमा कंपनियों से अनुबंधित है जिसकी सुविधा भी यहां शामिल है।बताया गया है कि बालको मेडिकल सेंटर में जाने से पूर्व नम्बर 8282824444 पर कॉल कर अग्रिम पंजीयन कराना बिलकुल ना भूलें।
💚🌑04 करोड़ के गांजे का नष्टीकरन,,,,,
नशाखोरी व तस्करी के मामलों में बिलासपुर जिले में बरामद व ज़ब्त गांजा नष्टीकरन की कार्रवाई विगत दिनों मादक पदार्थों की नष्टीकरन (डिस्पोजल) समिति की देखरेख में की गई।पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने कुल 19 किवंटल 97 किलो 83 ग्राम गांजे को सृजन स्टील प्राइवेट लिमिटेड सिल पहरी, ज़िला बिलासपुर की भट्टी में जलाकर नष्ट किया गया।ये सभी मामले धारा 20-बी एन पी दी एस एक्ट के अंतर्गत दर्ज़ किए गए थे,जिनका बाज़ार मूल्य करीब 04 करोड़ रुपए आंकी गई है।बिलासपुर ज़िले में पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया,जिसमें बिलासपुर की एसएसपी पारुल माथुर,जांजगीर-चाम्पा के एसपी अभिषेक पल्लव तथा क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी सदस्य हैं, इनके सहित पंचों की उपस्थिति में उक्त गांजे का नष्टीकरन भट्टी में जलाकर किया गया।
💚🌑हमर छत्तीसगढ़ की मशहूर शायरा सबीना खत्री ‘सबी’ ने फरमाया है,,,,
“बेगुनाहों के सवालों को आज,मैंने सरेराह नँगा देखा/ न्याय की कतरनें ढूंढ रही हैं,’ सबी’ लिबास पहनाने को//,,💚🌑
हमर छत्तीसगढ़ @ आसिफ़ इक़बाल, सम्पर्क- 094252 02561