हमर-छत्तीसगढ़ @ आसिफ़ इकबाल
♥️💚नगरीय चुनावों में कॉंग्रेस की धमाकेदार जीत के सामने”भाजपा का फूल” बिखर गया–भूपेश बघेल,,,,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में भूपेश सरकार के 3 साल पूरे होने के बाद बिदा लेते साल 2021 ने राज्य के 10 जिलों में संपन्न 15 नगरीय निकायों(4-नगर निगम,05 नगर पालिका व 6 नगर पंचायत)के चुनावों में कॉंग्रेस को धमाकेदार जीत का चमकीला तोहफा दिया है।इन सभी 15 निकायों में से 14 निकायों पर कब्ज़ा कर भूपेश सरकार के छत्तीसगढ़ मॉडल के ब्ल्यू प्रिंट सहित जनकल्याणकारी योजनाओं पर अपनी मुहर लगा दी है।तीन साल पहले विधानसभा चुनावों में जिस तरह से भाजपा के 15 वर्षीय शासन के बाद कॉंग्रेस ने एतिहासिक जीत हासिल की थी,उसे भी राजनीति के पंडितों व प्रेक्षकों ने कॉंग्रेस की जीत को अप्रत्याशित कहा था।तब भूपेश बघेल ने सरकार की कमान सम्हालकर एकदम नए अंदाज में सरकार का संचालन करते जा रहे हैं।अब तीन साल बाद कॉंग्रेस ने 15 नगरीय निकायों के चुनावों में जिस तरीके से जीत दर्ज़ की है, उसे भी अप्रत्यासित कहा जा रहा है।सिर्फ जामुल नगर पालिका में भाजपा को मिली जीत के सिवाय कॉंग्रेस की जीत “एकतरफा” ही मानी जा सकती है।मसलन बस्तर संभाग की सभी चारों कोंटा,भोपालपत्तनम,भैरमगढ़ व नरहरपुर की नगर पंचायतों में कॉंग्रेस की शानदार जीत रही।लगभग यही हाल चारों नगर निगमों में हुआ।सिर्फ बीरगांव नगर निगम में 2 सीटें बहुमत के लिए कम पड़ रही थी तब वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा व रायपुर ज़िला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा के सदप्रयासों से दो निर्दलीय शकुन्तला धन्नू बांदे व सुशीला मार्कण्डे ने कॉंग्रेस का दामन थाम कर बहुमत का पेंच हल कर दिया।निकाय चुनावों के परिणामों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रखरता से कहा है कि सभी निकायों में स्थानीय सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है।उन्होंने कटाक्ष किया कि भाजपा का फूल कॉंग्रेस के सामने बिखर गया है और भाजपा केवल मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखते रह जायेगी।निकाय चुनावों के परिणामों से साफ ज़ाहिर है कि प्रदेश की जनता ने सरकार के कामों पर विश्वास जताया है।प्रदेश कॉंग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि निकाय चुनाव परिणाम कॉंग्रेस की अपेक्षाओं के अनुरूप आए हैं और परिणम से जनता के मूड को समझा जा सकता है।श्री मरकाम ने यह भी कहा कि यह चुनाव सरगुजा और बस्तर से लेकर रायपुर,भिलाई,दुर्ग में हुए है,जहां की जनता ने भूपेश सरकार पर भरोसा जताया है।उन्होंने इन जीतों का श्रेय कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओं के परिश्रम व एकजुटता को दिया है।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा है कि पूरे नगरीय चुनाव में सत्ता और धनबल का दुरुपयोग हुआ है।गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि रिसाल नगर निगम के लिए पहली दफे चुनाव में कॉंग्रेस की मेहनत रंग लाई है और कॉंग्रेस का मेयर बनना तय है।
♥️💚 षड्यंत्रकारी कौन है, आरोपों की बौछारें,,,,
षड़यंत्र शब्द बड़ा ही कॉमन शब्द है लेकिन इसकी संरचना बड़ी विहंगम मानी जाती है।इस जटिल षड़यँत्र शब्द के पात्र व परिभाषा बिल्कुल अलग हैं।राजनीति में षड़यंत्र व षड्यंत्रकारी की बातें बड़ी निराली होती हैं।राजनीति करने में माहिर लोग इसका इस्तेमाल बेधड़क करते हैं।कह सकते हैं षड़यंत्र शब्दों को बड़े ही शालीन ढंग से मखमल में लपेटकर थोप देते हैं।खास बात यह भी है कि षड़यंत्र की असलियत भी जल्दी से समझ में नहीं आती है।दिलचस्प बात यह है कि बिहार के एक सज्जन ने हमर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कथित रूप से’ षड़यंत्रकारी’ कह दिया जबकि छत्तीसगढ़ के बारे में शाश्वत यह है कि”छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”।तब किसी छत्तीसगढ़िया को कैसे व किस आधार पर षड़यंत्र कारी कहा जा सकता है।सीधी बात ये है कि जब सामान्य छत्तीसगढ़िया बढ़िया होता है तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कैसे षड़यंत्रकारी हो सकते हैं।ऐसा कथित बयान देने वाले बिहार के सज्जन व्यक्ति की निंदा होनी चाहिए। इधर मुख्यमंत्री ने भी उन पर वाकबाण चलाने वाले व्यक्ति पर पलटवार करने ज़रा भी परहेज नहीं किया। भूपेश बघेल ने जोरदार शब्दों में झीरम कांड से लेकर तरह तरह से किए गए षड़यन्त्रों की परत-दर-परत खोलने में ज़रा भी देर नहीं की और बताया कि आदिवासियों को गाय,2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात किस पार्टी के किन-किन नेताओं ने कही थी,ये सब बातें जनता से छिपी नहीं है,जिन्हें उस कथित पार्टी ने कभी पूरा नहीं किया और लोगों को गुमराह किया।भूपेश बघेल ने कहा कि किन लोगों व किस पार्टी ने लोगों को गुमराह किया है,इसे सब जानते हैं।
♥️💚क्लीन सिटी रायपुर के लिए “स्मार्ट एप”लांच,,,,,,,,
‘हमर छतीसगढ़’ की राजधानी को साफ-सुथरा अर्थात क्लीन सिटी बनाने के लिए नगर निगम के मेयर एजाज़ ढेबर व सभापति प्रमोद दुबे ने सभी आमजनों की सुविधा के लिए क्लीन सिटी रायपुर एप लांच किया है।जिसके माध्यम से स्वच्छता सम्बंधित शिकायत कर सकते हैं।इस एप के बारे में निगम ने दावा किया है कि 12 घण्टे के अंदर शिकायत का निपटारा कर दिया जाएगा।इसके लिए अफसरों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।मेयर का कहना है कि वर्ष 2022 में रायपुर को नम्बर वन क्लीन सिटी बनाने के लिए ऐ-टू-जेड तरीके अपनाए जा रहे हैं।इस क्लीन सिटी रायपुर के लिए सभी वर्ग का व सभी स्तरों पर सहयोग लिया जाएगा।बताया गया है कि एप डाउनलोड करने के लिए पहले प्ले स्टोर में जाना होगा और सबसे पहले अपना मोबाइल नम्बर का रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन का पेज खुल जायेगा और तब नाम,राज्य व शहर का नाम डालना होगा।बड़ी बात ये है कि इसमें आधार नम्बर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।इस तरह रजिस्ट्रेशन के बाद आपको कचरा उठाने वाली गाड़ियों की लोकेशन मिलने लगेगी।यहां पर आपको पॉइंट चुनने का विकल्प आएगा।इसमें पॉइंट का चयन करें तब उस एरिया में आने वाली सफाई वाहनों के बारे में सटीक पतासाजी की जा सकेगी।मतलब ये कि उस एरिया में आने वाली वाहनों का पूरा ब्यौरा आपको मिलेगा।इस एप के जरिए किसी भी प्रकार की सफाई में दिक्कतों की शिकायत की जा सकेगी।इसके डिस्क्रिप्शन में वार्ड व क्षेत्र की जानकारी के साथ गंदगी आदि की फोटो भी अपलोड की जा सकेगी।निगम ने भरोसा दिलाया है कि शिकायतों को दूर करने पूरी कोशिशें की जाएगी।
♥️💚राजधानी रायपुर में सिने अभिनेता सोनू सूद की अस्पताल बनाने की योजना,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’की राजधानी में सिने अभिनेता सोनू सूद अपनी एक सहयोगी संस्था के साथ सहयोग से एक चेरिटेबल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने जा रहें हैं।नगर निगम के मेयर ऐजाज़ ढेबर ने निगम द्वारा 4 एकड ज़मीन उपलब्ध कराने की बात कही है।इस अस्पताल में निःशुल्क या कम से कम शुल्क पर सुविधाएं तय की जावेंगी।सोनू सूद के जल्द रायपुर आने पर उनके साथ अनुबंध(MOU)किया जाएगा।गौरतलब है कि सोनू सूद रायपुर के नायडू परिवार के दामाद है और एक शादी के सिलसिले में यहां आए थे,उस दौरान मेयर से इस बाबत चर्चा हुई थी।सोनू सूद जब रायपुर फिर आएंगे,तब निगम के अफसरों के साथ उनकी आधिकारिक बातचीत होगी।इसके बाद ही एक-दो महीने के भीतर अस्पताल की बहुआयामी योजना का मूल स्वरूप सामने आएगा।गौरतलब यह भी है कि कोरोना-काल मे सोनू सूद ने देश के ज़रूरतमंद मजदूरों की खुद आगे आकर बड़ी मदद मुहैय्या कराई थी।
♥️💚”हमर छत्तीसगढ़” के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मिले दिग्गज नेता राहुल गांधी से,,,,,,
जब भी दो दिग्गज नेता आपस में मिलते हैं तो कुछ औपचारिक बातों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो ही जाती है।बीते दिनों हमर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कॉंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात हुई।यहां बता दें कि भूपेश बघेल यूपी के आसन्न चुनाव के लिए सीनियर आब्जर्वर भी हैं।इस नाते उनके बीच छत्तीसगढ़ में सरकार के 3 साल पूरे होने,कामकाज, मंत्रिमंडल में फेरबदल व राजनीति के साथ यूपी में चुनावी दांवपेंच,कॉंग्रेस की मौजूदा हालात व कांग्रेस की सांगठनिक ताकत पर भी बातचीत होने की सरगर्मियां छत्तीसगढ़ को गरमा रही है।इस दौरान उन्होंने राज्य में निकाय चुनावों की भी जानकारी दी।मंत्रिमंडल में फेरबदल की गूंज के बीच राज्य के मंत्रियों नेअपनी मौजूदा स्थिति को अपडेट करने में जुटने की खबर गर्म है।यूपी के चुनाव में कॉंग्रेस की भूमिका कितनी कारगर होगी।इसे लेकर भूपेश बघेल चुनावी कार्यक्रमों में शामिल भी हो रहें हैं,और फलदायक परिणामों पर नज़रें टिकी हैं। राहुल गांधी ने कोंग्रेस सरकार के 3 साल पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई भी दी है।
♥️💙छतीसगढ़ में “शराबबंदी”लागू करने”ठोस फार्मूले” की तलाश में जुटी 3 समितियां,,,,,,,,,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में शराबबंदी की दशा व दिशा तय करने के लिए भूपेश सरकार हर स्तर पर मान्य ठोस फार्मूले की तलाश में जुटी है।इसके लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, प्रशासनिक स्तर एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के समावेश से 3 समितियों का गठन किया गया है,जो विभिन्न अध्ययनों,सुझावों तथा गहन विचार-विमर्श करने में जुटी हुई है।ऐसा करते हुए राजनीतिक व प्रशासनिक स्तर की समितियों की दो-दो और समाजिक संगठन स्तर की समिति की सिर्फ एक ही बैठक हुई है।समितियां अपनी 5 बैठकों के बाद भी किसी ठोस फार्मूले को अंतिम रूप नहीं दे पाई है।इधर बैठकें हो रही हैं,वहीं दूसरी ओर आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 के दौरान पूरे राज्य में 50 शराब की दुकानें ज़रूर बंद की जा चुकी हैं।आबकारी विभाग की ओर से यह बताया जा रहा है कि चालू वर्ष में पूरे राज्य में कुल 662 शराब की दुकानें संचालित हो रहीं हैं,जिनमें देशी की 211,विदेशी की 304 तथा कम्पोजिट की 126 व प्रिमियम विदेशी शराब की 21 दुकानें संचालित हैं।कहा यह भी जा रहा है कि 3 साल पहले सरकार बनाने से पहले कॉंग्रेस ने शराबबंदी की घोषणा की थी। अब भी सरकार शराबबंदी के लिए प्रयासरत व आगे कदम बढ़ाए जा रही है । कहा यह भी जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी धीरे-धीरे लागू करने के लिए अधिकारियों की टीमें उन राज्यों का अध्ययन करेगी,जहां शराबबंदी लागू हैं। ये अफसर शराबबंदी लागू करने वाले राज्यों में शराबबंदी से होने वाले लाभ-हानि के साथ रेवेन्यू के नुकसान व उसकी भरपाई कैसे की जाएगी, आदि मुद्दों की गम्भीरता से अध्ययन करेगी ।माना तो यह भी जाता है कि शराब एक अभिशाप है, जिसे धार्मिक, पारिवारिक, सामाजिक, स्वास्थ्य तथा सांस्कृतिक मान्यता नहीं मिल पाई है।फिर शराब को राज्यों की आय का सटीक ज़रिया माना जाता है तो इस ठोस आय के विपरीत शराबबंदी का जोखिम उठा पाने की दशा में कोई सरकार ऐसा कदम बढ़ा सकती है?फिर भी आशा तो की जा सकती है कि छत्तीसगढ़ में देरसबेर शराबबंदी का नया सूर्योदय उदीयमान होगा।
♥💚शायर जिगर जालंधरी ने फरमाया है,,,,,
,”तुम अगर चाहते हो सब तुम्हें हंस हंस के मिलें,
अपना गम अपने ही सीने में छुपाए रखना”,,,,/♥💚