चिटफंड राशि वापसी के आवेदनों की चार माह बाद भी छंटनी नहीं
कोरबा 11 दिसम्बर। चिटफंड कंपनी में निवेशकों के डूबी राशि के लिए अगस्त माह में आवेदन मंगाए गए थे। आवेदन प्राप्ति को चार माह बीत जाने के बाद भी छंटनी पूरी नहीं हुई है। राशि वापस पाने के लिए 80 हजार 346 लोगों ने आवेदन किया था। आपरेटरों के धान खरीदी में चले जाने से काम पूरी एंट्री काम ठप हो गया है। 30 फीसदी आवेदनों की छंटाई अब भी शेष है। डाटा एंट्री और डूबत राशि स्पष्ट होने के बाद ही शासन की ओर से गाइडलाइन जारी की जाएगी। इधर राशि मिलने वापसी में हो रही देरी के कारण का निवेशक तहसील व जिला कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।
चिटफंड कंपनियों में जमा राशि के वापसी के लिए स्थिति स्पष्ट नहीं होने से निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। राशि वापसी की आस में निवेशकों ने कतार में घंटो खड़े होकर आवेदन किया था। जिला मुख्यालय में दो से अगस्त तक आवेदन लिए गए। बढ़ती कतार को देखते हुए तहसीलवार कोरबाए कटघोराए हरदी बाजारए दर्रीए करतलाए पोड़ी उपरोड़ा में भी आवेदन जमा करने के लिए काउंटर की सुविधा दी गई। कोरोना काल होने के बावजूद जोखिम लेकर आवेदन जमा करने में निवेशकों ने कोई कसर नही छोड़ी। फोटो कापी करने से लेकर मुख्यालय आकर आवेदन जमा करने के लिए निवेशक पैसा खर्च करने में पीछे नही रहे। निवेशकों को पैसा मिले न मिले लेकिन आवेदन लेने के समय में फोटो कापी दुकान संचालकों ने जमकर कमाई की। आवेदन भरने के 20 रूपये लिए जा रहे थे। बहरहाल राशि वापसी को लेकर अब तक कोई सुगबुगाहट नही होने से निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। निवेशक महसूस कर रहे हैं कि कहीं आवेदन लेना भी केवल छलावा न हो।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने चिटफंड कंपनियों से राशि वापसी को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। सरकार गठन के बाद से ही लोगों को राशि वापसी की आस बंध गई थी। यहां यह भी बताना होगा कि राशि जमा करने वाले अधिकांश निवेशकों को तो कंपनी तक का नाम तक नहीं मालूम है। अभिकर्ताओं से मिले दस्तावेज को आधार मान कर उसकी कापी को निवेशकों ने आवेदन के साथ जमा किया है। आवेदन पत्रों की छंटाई कर और डाटा एंट्री के बाद ही निवेशकों की डूबत राशि स्पष्ट होगी। बहरहाल निवेशकों को उनकी राशि वापसी हो गई तो उन्हे ही नहीं सरकार को भी राहत होगी।