औद्योगिक जिले में बंद रहा बेअसर, खदानों और संयंत्रों में हुआ उत्पादन
कोरबा 27 सितंबर। चार ट्रेड यूनियनों द्वारा निजीकरण, महंगाई और किसानों से संबंधित बिल को लेकर भारत बंद के अंतर्गत यहां भी किये गए आह्वान का असर नहीं रहा। जनजीवन सामान्य रूप से जारी रहा। खास बात यह रही कि कोयला खदानों, बिजली घरों, अन्य उद्योगों में उत्पादन की प्रक्रिया पूरी रफ्तार से जारी रही। कहीं भी ऐसा नजर नहीं आया कि बंद कुछ हुआ भी है। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन पुलिस थाना प्रभारी को सौंपा।
काफी समय से इस बंद को लेकर यहां भी अलग-अलग स्तर पर तैयारी की जा रही थी। लोगों को मुद्दे बताए जा रहे थे। इसी के साथ लोगों को जोड़ने के लिए कोशिश जारी थी। भिन्न-भिन्न स्तर पर समर्थन जुटाने की कवायद के बीच बताया जा रहा था कि अनेक संगठन उनके साथ है। जब तारीख सामने आई तो मालूम चला कि तैयारी किस स्तर की थी और समर्थन देने वालों की मानसिकता क्या थी। छत्तीसगढ़ के औद्योगिक जिले कोरबा में आज का बंद पहले की तरह पूरी तरह अप्रभावी रहा। बीते वर्षों में पावर सेक्टर ऐसे कई बंद को ठेंगा दिखा चुका है। अबकी बार भी एनटीपीसी, सीएसईबी, बालको और अन्य पावर प्रोजेक्ट में पूरी क्षमता के साथ बिजली का उत्पादन हुआ। जिस कोयला खनन से जुड़े अधिकार और प्राइवेट पार्टनरशिप को लेकर हायतौबा जारी रही, उसकी एसईसीएल के क्षेत्र में बंद कोई असर नहीं छोड़ सका। एसईसीएल कोरबा, दीपका, गेवरा और कुसमुंडा क्षेत्र के कार्मिक विभाग की ओर से पुष्टि की गई है कि वहां बंद के कोई मायने आज के दिन नहीं रहे। ना केवल उत्पादन बल्कि प्रेषण और अन्य तकनीकी व दूसरे सभी काम सामान्य रूप से जारी हैं। शत-प्रतिशत उपस्थिति सभी इकाईयों में बनी हुई है। इस बारे में उपर तक रिपोर्ट भेज दी गई है। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड में भी कामकाज सहज रूप से जार होने की खबर दी गई। निजी उद्योगों में काम करने वाले कार्मिकों ने भी निष्ठा के साथ अपनी भूमिका निभाई।
जिले में कोविड महामारी की स्थिति को कुछ हद तक नियंत्रित करने के बाद आर्थिक गतिविधियों को सामान्य करने का काम प्रशासन ने किया है। कई तरह के दिशा-निर्देश इस दौर में जारी किये गए हैं जिनका परिपालन हर हाल में कारोबारियों को करना है। ग्राहकों को भी इसे फॉलो करना है। वहीं प्रशासन ने हर हाल में मंगलवार को क्पलीट लॉकडाउन घोषित करने के साथ इसे कुल मिलाकर मान्य करने की व्यवस्था दी है। कल मंगलवार के लॉकडाउन को कोरबा नगर सहित उपनगरीय क्षेत्रों और जिले भर की दुकानें बंद रहेंगी। उपर से पितृपक्ष के कारण बाजारों में रौनक कम है। इन कारणों से लॉकडाउन के पूर्व दिवस सोमवार को बाजार में विशेष हलचल रही। ऐसा पहले भी होता रहा है। भले ही चे्बर ऑफ कॉमर्स ने बंद को नैतिक समर्थन देने की घोषणा की थी लेकिन जिन लोगों के स्तर से सफलता तय होना है वे खुद ही चे्बर के सदस्य हैं।