एजेंडा बदलने से सदस्य भड़के, सामान्य सभा का किया बहिष्कार
कोरबा 13 अगस्त। जिला पंचायत सदस्यों ने सभागृह में आयोजित सामान्य सभा की बैठक का गुरूवार को बहिष्कार कर दिया। सदस्यों का आरोप है कि बैठक में चर्चा के लिए रखे गए चार एजेंडों में वन विभाग का एजेंडा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीइओ ने हटा दिया। इसके अलावा पंद्रहवें वित्त के 5.32 करोड़ से तय किए गए कार्यो के लिए राशि जारी नहीं की जा रही। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी की मनमानी से विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों को गति देने और जारी कार्यों के लिए जिला पंचायत सभाकक्ष में सामान्य सभा बैठक का आयोजन गुरूवार को दोपहर एक बजे तय किया गया था। बैठक शुरू होने से पहले जब अध्यक्ष शिवकला कंवर के हाथ में एजेंडों की सूची आई तब उन्होने देखा कि तय किए गए चार में से एक एजेंडा को हटा दिया गया है। इसे सदन की अवमानना मानते हुए उन्होने सदस्यों की सहमति से बैठक का बहिष्कार कर दिया। अध्यक्ष कंवर ने बताया जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपनी मनमानी पर उतर आए हैं। हाथियों की समस्या से पूरा जिला थर्राया हुआ है। आवश्यक होते हुए भी उन्होने वन विभाग के एजेंडे को सूची से गायब कर दिया। एजेंडे में 15 वें वित्त का अनुमोदन, शिक्षा, स्वास्थ्य के अलावा वन विभाग की समीक्षा शामिल था। एजेंडा कई दिन पहले दी जा चुकी थी। बदलाव करने के पहले जनप्रतिनिधियों को जानकारी देनी थी। अध्यक्ष का कहना है कि यह केवल सदस्यों की अवहेलना का ही मामला नहीं है, बल्कि सदन की गरिमा को धूमिल करना का भी है। अध्यक्ष ने यह भी बताया कि शासन ने 15 वें वित्त की राशि जून में जारी कर दिया है। दो माह गुजर जाने के बाद स्वीकृत कार्यों के लिए अधिकारी राशि जारी नहीं कर रहे। प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को विकास कार्यों का आश्वासन दिया है, पर राशि जारी नहीं होने से कार्य शुरू ही नहीं हो सका है। यहां बताना होगा कि बैठक के लिए सभी विभाग के अधिकारी आ चुके थे लेकिन बहिष्कार के कारण अधिकारी वापस लौट गए। बहिष्कार करने वालों में अध्यक्ष कंवर सहित उपाध्यक्ष रीना अजय जायसवाल, रामनारायण उरेती, उर्मिला मरकाम, प्रीति कंवर, गणराज सिंह, संदीप कंवर आदि शामिल थे।
बहिष्कार के पहले अधिकारी जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर ने सदस्यों की उपस्थिति में मुख्यकार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार को चर्चा के लिए अपने कक्ष में बुलाया। अधिकारी ने अध्यक्ष के कक्ष में जाने के बजाए सभी सदस्यों को अपने कक्ष में आने के लिए कहा। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि सदन के सचिव होने के नाते उन्हे आना चाहिए। इस तरह तकरार के कारण अंततः बात बहिष्कार पर आ गई।
अध्यक्ष शिवकला कंवर का कहना है कि यह बताते हुए दुख हो रहा है कि मुख्यकार्यपालन अधिकारी सदस्यों का फोन नहीं उठाते। ग्रामीणों की समस्या निवारण के लिए समय नहीं दिया जाता। अपने कार्यक्षेत्र से जिला कार्यालय आकर सदस्यों को बैरंग वापस लौटना पड़ता है। यही हाल विभिन्न विभाग के अधिकारियों का भी है। पूरे मामले में जिला पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार का कहना है कि एजेंडे में फेर बदल की बात बेबुनियाद है। बैठक से पहले अचानक सामान्य सभा का बहिष्कार किया जाना समझ से परे है। आनलाइन माड्यूल एक्टिवेट नहीं होने की वजह से 15 वें वित्त की राशि जारी करने में समस्या आ रही थी, जिसका निदान हो गया है। राशि आवंटन कर दी गई है। सदस्यों का आरोप बेबुनियाद है।