भूपेश राज: हाथ-पैर तोड़वा दूंगा, मंत्री ने दी रेंजर को धमकी

रायपुर 29 जून, छत्तीसगढ़ के एक केबिनेट मंत्री ने रेंजर से फोन पर गाली-गुप्तार किया और रेंजर ने जब इसका विरोध किया तो मंत्री ने उसकी छुट्टी करा दी। वन विभाग ने रेंजर का अंबिकापुर ट्रांसफर कर दिया है।

बताते हैं, सूबे के दबंग मंत्री को रेंजर लक्ष्मण पात्रे से कोई काम था। उन्होंने पीए से फोन लगवाने की बजाए सीधे अपने मोबाइल से उसका नम्बर लगा दिया। मंत्री ने कहा, तुरंत आ जाओ। रेंजर के पास मंत्री का नम्बर नहीं था, इसलिए उसने पहचाना नहीं। उसने साफ बोल दिया, अभी नहीं आ सकता। रेंजर का आरोप है कि इस पर मंत्रीजी बुरी कदर भड़क कर फोन पर गाली-ग्लौच कर डाले। उन्होंने यहां तक कह डाला। तू जानता नहीं, हाथ-पैर तोड़वा दूंगा।

विलम्ब से मिली जानकारी के अनुसार रेंजर ने बाद में ट्रू काॅलर पर नम्बर देखा तो पता चला प्रदेश के एक मंत्रीजी का नम्बर है ये। उसने हिमाकत करते हुए काॅल बैक कर दिया….कहा, माननीय आप डांट लीजिए, मगर इस तरह गाली मत दीजिए। इस पर मंत्रीजी बिगड़ गए। बताते हैं, उन्होंने तुरंत पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी को फोन लगा डाला। बोले, रेंजर ने मुझसे बदतमीजी की है, फौरन सस्पेंड करो।

पीसीसीएफ से जब बात नहीं बनी तो वन मंत्री मोहम्मद अकबर को उन्होंने फोन खड़का दिया। वन मंत्री और पी सी सी एफ ने जब इस मामले में पता लगाया तो रेंजर का कोई कसूर नहीं नजर आया। रेंजर ने सिर्फ गाली न देने का आग्रह किया था। इस पर कोई ग्राउंड बनता नहीं, जिससे उसे सस्पेंड कर दिया जाए। रेंजर चूकि अनुसूचित जाति से है, इसलिए समाज तक बात पहुंच गई थी। कुछ लोग सलाह देने लगे थाने में जाकर शिकायत कर दो। इससे मामला और बिगड़ जाता। मंत्री की मुश्किलें भी बढ़ जाती।

वन मंत्री और पीसीसीएफ दोनों सांसत में पड़ गए। एक तरफ कैबिनेट मंत्री, दूसरी ओर रेंजर, जिसका कोई दोष नही। लिहाजा, काफी माथापच्ची के बाद 24 जून को वन विभाग ने सस्पेंड की बजाए रेंजर का अंबिकापुर तबादला कर मामला खत्म किया। ( साभार, ग्रा या छ ग )

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