रेल डीजल इंजन कंडम किए गए, सौर की मुक्त ऊर्जा पर जोर-गौतम बनजी
कोरबा 5 जून। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान सुनिश्चित रेलवे की ओर से करने ऊर्जा संरक्षण के तहत सौर उर्जा को काफी महत्व दिया जा रहा। स्टेशन में जहां सौर पैनल स्थापित किया गया, डीजल से चलने वाले इंजनों को कंडम घोषित कर वायु प्रदूषण पर रोक और ईंधन की बचत का प्रयास किया। स्टेशन परिसर व कालोनी में पौधेरोपण किए गए। ट्रेन में सफर करने वाले रेल यात्रियों के साथ आम जनों को भी जागरूक करने अभियान चलाए गए।
पर्यावरण संरक्षण का तात्पर्य है कि हम अपने चारों ओर के वातावरण को संरक्षित करें व जीवन के अनुकूल बनाए रखें। पर्यावरण संरक्षण की महत्ता एवं आवश्यकता को ध्यान में रखकर एक जागरूक संगठन की भूमिका निभाने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे लगातार कार्य कर रहा है। इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2020-21 में रेलवे ने 12 डीजल इंजनों को कंडम किया गया है और 39 डबल्यूएजी-9 इंजनों की कमीशनिंग की गई। हेड आन जनरेशन प्रौद्योगिकी को अपनाते हुए हरित ट्रेन से महंगे डीजल ईंधन को जलाने की बजाय ओवर हेड उपकरण ओएचई के माध्यम से सीधे ग्रिड से बिजली ले रही है। इस वित्तीय वर्ष में इससे 1650 किलो लीटर डीजल की बचत हुई। गैर-परंपरागत ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों में सौर ऊर्जा एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। गैर.परंपरागत श्रोतों से ऊर्जा उपलव्ध कराने एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में बेहतर योगदान के तहत सोलर पावर प्लांट के निर्माण किए गए। महाप्रबंधक गौतम बनर्जी ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अब तक 4.636 मेगावाट क्षमता की सोलर प्लांट की स्थापना की गई है, जिससे 56.35 लाख रुपये विद्युत बिल की बचत के साथ ही साथ 3500 टन कार्बन के उत्सर्जन को रोकने में मदद मिल रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 3150 किलोवाट क्षमता की सोलर प्लांट की स्थापना की गई है।
वर्ष 2020.21 में रेलवे ने 243 ट्रैक किलोमीटर रेल लाइन व 32 ट्रैक किलोमीटर साइडिंग का विद्युतीकरण किया। रेलवे में अब तक साइडिंग सहित 5568 ट्रैक किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण का कार्य सम्पन्न किया गया है। 30 स्टेशनों पर ट्रेनों के आगमन-गमन के दौरान ही स्विच चालू होती है। इससे बहुतायत मात्रा में बिजली की बचत सुनिश्चित की जा रही है। वायु संरक्षण के लिए वातवारण को स्वच्छ एवं शुद्ध रखने महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। पौधरोपण एवं पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रम आयोजित कर आम जागरूकता के लिए प्रयासरत है जीएम बनर्जी ने कहा कि जल संरक्षण के महत्व समझते हुए कुशल जल प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। वर्षा जल सहेजने व उसका अधिक से अधिक उपयोग के लिए भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा। रेलवे के नए-पुराने कार्यालय भवनों की छत से सतह पर बहने वाले बारिश के पानी को जल भंडारण करने वर्षा जल संचयन रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली से संग्रहित किया जा रहा। इस वर्ष कुल 36 रूफ टाप जल संचयन प्रणाली लगाए गए। भविष्य में बनने वाले सभी भवनों में वर्षा जल संचयन की यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।