पश्चिम बंगाल में अराजकता की स्थिति, राष्ट्रपति संज्ञान ले, लोकतंत्र सुरक्षा मंच ने जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन

कोरबा 26 मई। पश्चिम बंगाल राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुई हिंसा और अराजकता की स्थिति को लेकर लोकतंत्र सुरक्षा मंच ने नाराजगी और चिंता जताई है। इस मामले ने राज्य सरकार की असफलता बताते हुए लोकतंत्र सुरक्षा मंच के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन कोरबा जिलाधीश को सौंपा गया। मांग की गई है कि आम नागरिकों की हत्या, मारपीट, लूटपाट और असभ्य हरकतें करने वाले तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जानी चाहिए।

लोकतंत्र सुरक्षा मंच ने अपने ज्ञापन में इस बात को कहा है कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाएं हुई। लोगों को नुकसान पहुंचाने के साथ उनकी संपत्ति को लूटा गया। अनेक स्थानों पर आगजनी और तोडफ़ोड़ भी की गई। हमलावर कई दिनों तक पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाते रहे। पश्चिम बंगाल में जो कुछ हो रहा है, वह दर्शाता है कि वहां पर द्वेषबस ऐसी घटनाओं को बल दिया जा रहा है। मानवीय संवेदना, दया, करुणा जैसे तत्वों का कोई स्थान नहीं रह गया है। आज की स्थिति में जरूरत इस बात की है कि पश्चिम बंगाल में गुंडा तत्वों पर अंकुश लगाने के साथ शांति स्थापित की जाए और कानून का राज स्थापित किया जाए। मंच के द्वारा यह भी कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में जो घटनाएं चुनाव के नतीजों के बाद आई हैं, उसके कारण काफी संख्या में लोगों ने पलायन किया है और यह सिलसिला अभी भी जारी है। यह इस बात को परिलक्षित करता है कि इस इलाके में लोगों के भीतर किस प्रकार से डर बना हुआ है। समय रहते इस भावना को दूर करने और लोगों में विश्वास जागृत करने की आवश्यकता है। ज्ञापन सौंपने के दौरान लोकतंत्र सुरक्षा मंच के जिला संयोजक सीए आशीष खेतान, सह संयोजक एडवोकेट अशोक तिवारी सदस्य डॉक्टर ध्रुव बनर्जी, चंद्र किशोर श्रीवास्तव, डॉ अजय शेष, गोपाल पटेल, इंजीनियर राज अग्रवाल,शांता कुमार शिल्ला और सुखविंदर सिंह धंजल की उपस्थिति रही।

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