छत्तीसगढ़ में अब पत्रकार- वकील भी सपरिवार कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर
रायपुर 9 मई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण की घोषणा की है. जिसके तहत विभिन्न श्रेणियों के लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए उनके वैक्सीनेशन का निर्णय लिया गया है. राज्य के पत्रकार, वकीलों और उनके परिजनों को भी फ्रंटलाइन वर्कर के समान ही वैक्सीन में शामिल करने का एलान किया गया है.
इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले ही निर्देश दे दिए थे, लेकिन मामला न्यायलयीन होने के कारण लंबित था. कई अन्य राज्यों में पत्रकारों और वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए उनका टीकाकरण किया जा रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे एक कदम और आगे बढ़ते हुए राज्य के पत्रकारों और वकीलों के साथ उनके परिजनों को भी फ्रंटलाइन वर्कर के समान टीकाकरण में प्राथमिकता देने की घोषणा की है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और पंचायत कर्मी भी शामिल
टीकाकरण के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिवों की समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की सूची जारी की है. सूची में स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिभाषित कोमोरबिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन प्रदाय करने वाले, सब्जी विक्रेता, बस ड्राइवर,कंडक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव/कर्मी, पीडीएस दुकान प्रबंधक और विक्रेता शामिल हैं. इसके साथ ही इंस्टीट्यूशनल केयर में रहने वाली महिलाएं, गांव के कोटवार और पटेल, राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी और उनके परिजनों को भी शामिल किया गया है.
फ्रंटलाइन वर्कर्स की सूची में ये भी शामिल
इसी तरह इस सूची में वृद्धाश्रम, महिला देखभाल केंद्रों और बाल देखभाल केंद्रों में कार्यरत व्यक्ति, श्मशान, कब्रिस्तान में कार्यरत व्यक्ति, दिव्यांग व्यक्ति, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली अर्धशासकीय संस्थाओं जैसे- प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, मार्कफेड, सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी, कलेक्टर द्वारा कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्ति को भी शामिल किया गया है.
कैदियों को भी टीकाकरण में प्राथमिकता
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यदि फ्रंटलाइन वर्कर श्रेणी का कोई व्यक्ति एपीएल का छोड़कर अन्य कोई राशनकार्ड लाता है तो उसे भी उस राशनकार्ड की श्रेणी में माना जाएगा. यदि वह राशनकार्ड लेकर नहीं आता है तो उसे फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में माना जाएगा. जेल में रहने वाले बंदियों को भी टीकाकरण में वही प्राथमिकता दी जाएगी जो फ्रंटलाइन वर्कर को दी जाएगी. क्योकि वो अपनी सुरक्षा नहीं कर सकते. इसी प्रकार वकीलों, पत्रकारों और उनके परिजनों को भी फ्रंटलाइन वर्कर के समान ही टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी.