जरूरतमंदों को कैसे दें सुविधा, मिल रहा 50 का पेट्रोलः ऑटो चालक

कोरबा 4 मई। मेडिकल इमरजेंसी के लिए कोरबा शहर में कुछ ऑटो चालकों को अनुमति दी गई है कि वे मरीजों को घर से अस्पताल पहुंचाने और वापस लाने का काम करें। इसी तरह कुछ ऑटो रेलवे स्टेशन में भी लगाए गए हैं ताकि दूरदराज से आने वाले लोगों को परेशानी ना हो सके। इस सबके बीच ऑटो चालकों की शिकायत है कि पेट्रोल पंप के संचालक उन्हें 50 से ज्यादा का पेट्रोल देने को तैयार नहीं है। जबकि निजी एंबुलेंस चालकों को ज्यादा पेट्रोल दिया जा रहा है जो मजबूरी में भी लोगों की जेब काट रहे हैं।

कोरबा जिला ऑटो संघ में 3000 से ज्यादा ऑटो चालक पंजीकृत हैं कोरबा नगर और उपनगरीय क्षेत्रों के अलावा आसपास के क्षेत्रों में ऑटो वाहनों की सेवाएं लोगों को सामान्य दिनों में मिला करती हैं जो लॉकडाउन के दौरान बाधित है पंचानवे फ़ीसदी ऑटो फिलहाल कामकाज से बाहर हो गए हैं जबकि ऑटो संघ की मांग पर प्रशासन ने सीमित संख्या में ऑटो को सड़क पर जरूरत के हिसाब से दौडऩे की अनुमति दे रखी है इनका उपयोग आपात स्थिति में मरीजों को अस्पताल ले जाने और वापस लाने के लिए किया जा रहा है इसके साथ ही वर्तमान में लिंक अमृतसर एक्सप्रेस सहित सवारी गाडिय़ों से आने वाले लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए भी कुछ ऑटो उपलब्ध कराए गए हैं 12 अप्रैल से कोरबा जिले में लॉकडाउन किया गया है इसके अंतर्गत कुछ ही मामलों में वाहनों को ईंधन दिए जाने की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा सुनिश्चित कराई गई हैं आवश्यकता के आधार पर ऐसे वाहनों को इंधन दिए जाने के लिए पेट्रोल पंप के संचालकों को निर्देशित किया गया है इन सबके बीच ऑटो चालको की परेशानी इसलिए बढ़ी हुई है क्योंकि उन्हें केवल 50 काही पेट्रोल दिया जा रहा है ऐसे में आपात स्थिति में वे लोगों की सेवा चाह कर भी नहीं कर पा रहे हैं जिला ऑटो संघ के पदाधिकारी पंकज तिवारी ने बताया कि या व्यवस्था दुरुस्त होना चाहिए ऑटो चालकों को कम से कम 200 का पेट्रोल उपलब्ध कराए जाएं। यह व्यावहारिक मांग है और इसकी पूर्ति होने से ऑटो चालकों को कुछ संबल मिलेगा।

बताया गया कि पेट्रोल पंप के संचालकों के द्वारा निजी एंबुलेंस चालकों को उनके हिसाब से ईंधन प्रदाय किया जा रहा है और वे लोग मरीजों की मजबूरी का फायदा लेकर मनमानी राशि लूट रहे हैं इस पर लगाम आखिर कौन लगाएगा। ऑटो चालकों की ओर से जो मसला सामने लाया गया है वह अपने आप में चिंताजनक है कोरबा शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए ऑटो चालक वर्तमान दौर में लगे हुए हैं यह काम आसान तरीके से तमीज हो सकेगा जबकि इन वाहनों में पर्याप्त पेट्रोल होगा स्वाभाविक है कम ईंधन होने पर मरीजों को लाने ले जाने वाले वाहन बीच रास्ते में ही खड़े हो जाएंगे और इस स्थिति में मरीज के साथ-साथ उनके परिजन और चालक का परेशान होना लाजमी है इस समस्या को ध्यान में रखने के साथ प्रशासन के अधिकारियों को गंभीरता पूर्वक विचार करने की जरूरत है।

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