लेमरू क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए ग्रामीणों ने हंगामा कर किया प्रदर्शन

पुलिस के समझाईश के बाद मामला हुआ शांत

कोरबा 4 मई। बीते वर्ष के जैसे हालात फिर से बनने लगे हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्र लेमरू में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर काफी लोगों को सरकारी हाईस्कूल भवन में रखा गया है, जिसे क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। परीक्षण रिपोर्ट को लेकर आरोप लगाते हुए कथित रूप से ग्रामीणों ने पहले इस सेंटर के बाहर और बाद में पीएचसी के सामने प्रदर्शन किया। वहीं कोरंटाइन किये गए कुछ लोगों ने कूदने का प्रयास भी किया। आनन-फानन में पुलिस के पहुंचने और समझाईश के बाद मामले को शांत कर लिया गया।

जानकारी के अनुसार यह घटना सोमवार को दोपहर बाद घटित हुई। जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर लेमरू क्षेत्र में हुए घटनाक्रम के बारे में वहां से मिली सूचनाओं में बताया गया कि पिछले दिनों खाने-कमाने और दूसरे प्रयोजन से बाहर गए लोग लौटकर यहां आए। स्थानीय स्तर पर इनका परीक्षण किया गया। इसमें कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। नियमों के अंतर्गत प्रशासन ने ऐसे लोगों को लेमरू के हाईस्कूल स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा है। स्थिति ठीक होने तक इनकी देखभाल यहां की जाएगी और इन पर नजर रखी जाएगी। कई कारणों से इन पॉजिटिव मरीजों के साथ-साथ उनके परिजन नाराज हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है। इसी बात को लेकर 3 मई को हंगामे की स्थिति बनी। पता चला कि 40 की संख्या में महिलाएं क्वारंटाइन सेंटर के बाहरी परिसर में पहुंची और हंगामा किया। वे तर्क दे रहीं थी कि संबंधित लोग सही हैं और उन्हें बाहर निकाला जाए ताकि वे घर जा सके। हंगामा होने के साथ उन लोगों को बल मिला जिन्हें यहां पर रखा गया है। उन्होंने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। यही नहीं दबाव बनाने के लिए कुछ लोग स्कूल की छत के हिस्से में पहुंच गए और वहां से कूदने की कवायद करने लगे। इसके बाद ग्रामीणों ने लेमरू पीएचसी पहुंचकर वहां भी प्रदर्शन किया। खबर है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ उन्होंने बुरा बर्ताव किया। यह सब होने पर पुलिस को जानकारी दी गई। लेमरू पुलिस की टीम ने हाइस्कूल का रूख करने के साथ हंगामा करने वालों को समझाईश दी और नियम पालन करने को कहा। पुलिस के अंदाज को संबंधित लोगों ने एक झटके में समझ लिया और शांत हो गए। तब कहीं जाकर क्वारंटाइन सेंटर की निगरानी करने वाले कर्मचारी के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के अमले ने राहत की सांस ली।

संचार संपर्क संबंधी समस्याः-वर्षों बाद लेमरू तक के लिए रोड कनेक्टिविटी तो हो गई है लेकिन संचार संपर्क संबंधी मसला जस के तस बना हुआ है। ऐसे में इस इलाके में होने वाली घटनाओं की जानकारी फौरी तौर पर नहीं मिल पाती। कोरबा सीएसपी ने बताया कि लेमरू में होने वाली घटनाओं के बारे में काफी विलंब से जानकारी होती है। संचार की दिक्कत के कारण वहां के स्टाफ से कांटेक्ट नहीं हो पाता। लेमरू क्षेत्र में एक दिन पहले जो हंगामा हुआ उसने वहां के डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को सख्ते में ला दिया है। उनका कहना है कि एक तो कोविड कालखंड में संकट ऐसे ही बना हुआ है। वे दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए सबकुछ दांव पर लगा रहे हैं और उपर से उनके साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है वह कल्पना से परे है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन को इस क्षेत्र में सुरक्षा पुख्ता करने के बारे में सोचना चाहिए, वरना दिक्कतें हो सकती है। लेमरू में स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आधार पर आसपास के लोगों को अगली स्थिति तक के लिए निगरानी में रखा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि बेमतलब उन्हें यहां लाया गया है। इसी बात पर हंगामा हुआ। पुलिस के सहयोग से स्थिति संभाल ली गई।

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