श्रम संहिता की प्रतियां जलाकर मनाया विरोध दिवस
कोरबा 2 अप्रैल। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के आह्वान पर देशभर के मजदूर वर्ग केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए मालिकाना पक्ष तथा मजदूर विरोधी ने श्रम कानून जिसका नाम भी श्रम संहिता रखा गया है के विरोध में देशभर में श्रम संहिता की प्रतियां जलाकर आक्रोश को 1 अप्रैल 2021 को विरोध दिवस आयोजित किया गया।
भारत का संविधान का मौलिक अधिकार हो या फिर सम्मानजनक जीवन जीने का मानवाधिकार अंतर्राष्ट्रीय श्रम मापदंड हो अथवा श्रमिकों के लंबे संघर्ष तथा अन्य को बलिदानों के बाद बनाए गए 44 केंद्रीय श्रम कानूनों के श्रम अधिकारों सभी को संसद में बहुमत का दुरुपयोग कर कोडिग-19 महामारी के कारण देश भर में तालाबंदी, धारा 144 की आड़ में आमजनों की आवाज बंद कर तानाशाही पुण तरीके से सितंबर 2020 में संसद में पास करवा कर दफन कर दिया गया था।
उक्त बातें आज 1 अप्रैल को नए श्रम संहिता के विरोध में आयोजित देशव्यापी विरोध दिवस के अवसर पर बाल्को परसाफाट आजाद चौक में राष्ट्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियनों के तत्वाधान में 4 स्वयं संहिता की प्रतियां जलाकर विरोध किया गया इस ग्रुप में दर्शन में इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस के पदाधिकारी एवं सदस्यगण सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।जिसमें छत्तीसगढ़ एटक के प्रदेश महासचिव कॉमरेड हरिनाथ सिंह एटक के राज्य सचिव कॉमरेड, एम एल रजक, सुनील सिंह, पी के वर्मा, धर्मेंद्र तिवारी धर्मेंद्र सिंह अवधेश वर्मा परितोष यादव प्रशांत नायक लालमन सिंह एस के सिंह, इंटक से वरिष्ठ लीडर केवीएस राव जयप्रकाश यादव, रमेश जांगिड़, विमलेश साहू, सीटू से एस एन बैनर्जी, सुखेंदु घोस,अमित गुप्ता, नागराज, एचएमएस से वरिष्ठ लीडर लखन लाल सहित हेमंत सोनी संतोष प्रजापति उपस्थित हुए।