मुर्दों के लुटेरे आये पुलिस गिरफ्त में, सनसनीखेज खुलासा
इटावा 8 मार्च। उत्तर प्रदेश की इटावा पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा करने का दावा किया है जो मुर्दों को लूटने का काम करता था. इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए एस एस पी श्री आकाश तोमर ने बताया कि आरोपी सरकारी एम्बुलेंस के ड्राइवर और परिचालक हैं जो सड़क हादसों में मृत व घायलों को अपना शिकार बनाते थे. एसएसपी के मुताबिक 3 मार्च को कुंवर रविंद्र सिंह ने पुलिस में शिकायत दी थी कि उनके भतीजे सुनील कुमार सिंह बोलेरो गाड़ी नंबर यूपी 35 एक्स 1700 अपने परिवार के साथ उन्नाव से ग्वालियर जा रहे थे तभी रास्ते में इटावा के बढपुरा इलाके मे रामकृष्ण होटल के नजदीक एक ट्रैक्टरचालक की लापरवाही से एक्सीडेंट हो गया. इस हादसे में उनके भतीजे की मौत हो गई और अन्य परिजन भी घायल हो गए.उन्होने बताया कि इस बाबत शिकायतकर्ता ने पुलिस को जानकारी दी कि मृतक के पास एटीएम कार्ड, डीएल, पर्स मे रखे 20000 रुपये और एक चेन थी लेकिन सारा सामान गायब हो गया है. हादसे के दूसरे दिन यानी 28 फरवरी को मृतक सुनील कुमार के पेटीएम से कुल 45000 रुपये निकाल भी लिए गए थे.
पुलिस ने जब लाश के पास से लूटे गए सामान की जांच शुरू की तो बेहद चैंकाने वाले खुलासे हुए. एसएसपी तोमर ने बताया कि पुलिस ने सबसे पहले उस एम्बुलेंस चालक की तलाश शुरू की जिसने घायल को अपने एम्बुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया था. पुलिस को शक था कि इस लूटपाट में एम्बुलेंस चालक का जरूर कोई हाथ है. एम्बुलेंस की तलाश करते-करते पुलिस चालक संजीव और परिचालक शोभित तक पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक मोबाइल, एक एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड, एक डीएल, एक बिग बाजार कार्ड, एक दिल्ली मेट्रो कार्ड और 44700 रुपये नकद बरामद कर लिए हैं.
पुलिस पूछताछ में दोनो आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही मृतक सुनील कुमार के कीमती सामान और नकदी की चोरी की थी. जिसे दोनों के पास से बरामद कर लिया गया है. एंबूलेंस का गिरफतार चालक संजीव कुमार बढ़पुरा का रहने वाला है, जबकि परिचालक शोभित कुमार कन्नौज का निवासी है. इन दोनों पर आरोप है कि एम्बुलेंस में शव ले जाते वक्त वे मृतक के कीमती सामान, कैश, घड़ी, अंगूठी आदि पर हाथ साफ कर देते थे. यह मामला शायद खुलाता भी नहीं अगर थाना बढ़पुरा इलाके में 27 फरवरी को दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुए शख्स की अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत न हुई होती। उसकी मौत के बाद परिजनों को जब लाश मिली तो उसके निजी सामान, एटीएम कार्ड, सोने की अंगूठी, चेन, घड़ी सब कुछ गायब थे. पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच की तो मामला खुला।