गेवरारोड़ से लौट रही खाली रैक, माकपा ने दी नौ मार्च को चक्काजाम आंदोलन की चेतावनी
कोरबा 3 मार्च। आंदोलन के बाद रेल प्रबंधन ने दो ट्रेन का परिचालन शुरू अवश्य कर दिया, पर इसका फ ायदा गेवरा क्षेत्र के यात्रियों को नहीं मिल रहा। ट्रेन में यात्रियों को बैठाने के बजाए खाली रैक वापस भेजा जा रहा है। इससे क्षेत्र के लोगों में नाराजगी बढ़ गई और पुनः मालगाड़ी रोक कर आंदोलन करने की तैयारी में जुट गए हैं।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल को कोरबा-गेवरारोड़ रेल खंड से कोयला लदान के एवज में सर्वाधिक राजस्व मिल रहा है। इसके बावजूद क्षेत्रवासियों को यात्री सुविधाएं नहीं मिल रही। कोरोना संक्रमण काल में बंद हुई ट्रेन को पुनः शुरू कराने क्षेत्रवासियों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। गेवरारोड स्टेशन क्षेत्र में पिछले माह मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी माकपा के साथ रेल रोको आंदोलन किया गया था, तब रेल प्रबंधन ने 15 दिवस के भीतर ट्रेन का परिचालन शुरू करने का आश्वासन दिया। आंदोलन दोबारा न हो, इसलिए रेल प्रबंधन ने बिलासपुर से सुबह 7.30 बजे छूटने पैसेंजर कम छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस समेत रायपुर से गेवरारोड़ तक मेमू लोकल का परिचालन शुरू किया। दोनों ट्रेन गेवरारोड़ स्टेशन तक आ रही हैं, पर वापसी में खाली भेजा जा रहा है। माकपा ने इस पर आपत्ति जताते हुए कलेक्टर, महाप्रबंधक रेलवे व डीआरएम के नाम क्षेत्रीय रेल प्रबंधक को पत्र सौंप कर कहा है कि समझौता के अनुसार ट्रेन नंबर 08745, 08746, 08210 व 08208 गेवरारोड़ स्टेशन से प्रारंभ करने असिस्टेंड कामर्शियल मैनेजर, सीनियर डिवीजन कमर्शियल मैनेजर ने आदेश जारी किया था, पर दोनों ट्रेन में गेवरा क्षेत्र के यात्रियों को सफ र करने की इजाजत नहीं दी जा रही है। यह गेवरा क्षेत्र के लोगों के साथ मजाक व अन्याय है। माकपा के साथ ही अन्य संगठनों ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि निम्न आय वर्ग के लिए ट्रेन सबसे सस्ता साधन है, पर जानबूझ कर इस सुविधा को बंद रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यात्रियों को बैठने की छूट नहीं जाती है तो नौ मार्च को चक्काजाम आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान मालगाड़ी का परिचालन भी रोका जाएगा।