25 दिन बाद अब उठाव, हर बोरे में 500 से 700 ग्राम धान सूखा, मिलर्स नहीं मान रहे सूखती को
कोरबा 3 मार्च। धान खरीदी बंद होने के 25 दिन बाद उठाव होने से प्रति प्रति बोरी 500 से 700 ग्राम सूखती आ रही है। कमी की भरपाई को लेकर फ ड़ प्रभारी हलकान हो रहे हैं। उठाव करने वाले मिलर्स सूखती को नहीं मान रहे। जीरो शार्टेज में धान जमा करने पर प्रोत्साहन राशि की शर्त होने से अब फ ड़ प्रभारियों की नजर नियम में छूट के लिए शासन पर नजर टिक गई है।
जिले में 13.30 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई थी, जिसमें उठाव के लिए 1.72 लाख क्विंटल शेष था। फड़ प्रभारियों का कहना कि समय सीमा में धान उठाव नहीं होने से सूखती आ गई है। ट्रक में धान लदान के दौरान तीन से चार क्विंटल कमी आ रही है। प्रत्येक गाड़ी में इस तरह की कमी को लेकर फड़ प्रभारी मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। धान उठाव को लेकर अब समिति, मिलर्स और मार्कफेड के बीच दोषारोपण होने लगा है। फ ड़ प्रभारियों का कहना कि धान खरीदी के 72 घंटे के भीतर उठाव होना था लेकिन माह भर बाद उठाव होने से सूखती आ रही है। इसका ठीकरा फ ड़ प्रभारियों पर फ ोड़ना सही नही है। माह भर के भीतर मौसमी उतार चढ़ाव के अलावा, धान दीमक और चूहों की भेंट चढ़ चुकी है। ऐसे मे शार्टेज होना स्वाभाविक है। बीते तीन साल जिले जीरो शार्टेज में धान का उठाव हो रहा है, लेकिन इस बार लंबे समय से धान को उपार्जन केंद्र में रखे जाने संभावना बढ़ गई है। धान खरीदी के लिए बीते वर्ष सुरक्षा के लिए के लिए व्यय की गई राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इस वर्ष भी राशि मिलने की संभावना नहीं है, ऐसे में फड़ प्रभारियों की सारी दारोमदार मार्कफेड के निर्णय पर टिक गई है।