तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी समिति के कर्मियों ने राजधानी में डाला डेरा

कोरबा 06 नवम्बर। प्रदेश सरकार 15 नवंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी करेगी। सहकारी समितियों में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इधर धान खरीदी शुरू होने से पहले तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी समितियों ने ताल ठोक दी है।

समितियों में काम करने वाले कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मियों ने रायपुर में डेरा डाल दिया है। उनका कहना है कि पूर्व में मुख्यमंत्री जनदर्शन में आवेदन देकर समितियों की ओर से तीन सूत्रीय मांगों के संबंध में अवगत कराया गया था। अभी तक इस दिशा में सरकार की ओर से कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया। इसलिए समितियों में काम करने वाले कर्मचारी हड़ताल पर हैं। समिति की ओर से बताया गया है कि तीन प्रमुख मांगों में मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में काम करने वाले सभी सहकारी समितियों के कर्मचारियों को वेतनमान के लिए 3-3 लाख रुपए की सालाना अनुदान राशि दी जाए। समितियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सेवा नियम 2018 में संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू किया जाए। धान खरीदी नीति में बदलाव लाया जाए, सुखता मान्य को आसान बनाए जाए। खरीदी के दौरान समितियों में होने वाली व्यय, कमीशन, खाद-बीज, फसल बीमा आदि की राशि में चार गुना बढ़ोत्तरी की जाए। समितियों की ओर से बताया गया है कि मांगों के समर्थन में 18 से 20 अक्टूबर तक कालीपट्टी लगाकर विरोध किया गया था। 21 व 22 अक्टूबर को कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर थे। मांग पूरी नहीं होने पर अब बेमियादी हड़ताल पर हैं। सहकारी समितियों में धान खरीदी की तैयारी शुरू हो गई है। इस साल धान बेचने के लिए कोरबा जिले में 50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। इसमें लगभग 3 हजार नए किसान हैं।

किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए जिला प्रशासन अपनी तैयारियों को पूरा करने में लगा हुआ है। समितियों से कहा गया है कि धान खरीदी के लिए जरूरी सभी व्यवस्था केंद्रों में पूरी कर ली जाए। इसमें धान खरीदी केंद्रों में साफ-सफाई, लाट के चारों ओर अस्थाई तौर पर नाली निर्माण और धान खरीदी के लिए समिति स्तर पर कर्मचारी और हमाल सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाई जाए। जिला प्रशासन खरीदी की तैयारियों को पूरा करने में लगा हुआ है तो किसान नए फसल के आने का इंतजार कर रहे हैं। कोरबा जिले में अधिकांश क्षेत्रों में अभी धान की फसल पककर तैयार नहीं हुई है। धान की बालियां हरी हैं। इसके पकने में अभी पखवाड़े भर का वक्त लग सकता है। इस बीच कुछेक खेतों में धान की फसल लगभग पक गई है और किसान इसे काटने की तैयारी कर रहे हैं। फसल को काटकर खलिहान तक लाने की व्यवस्था में लगे हुए हैं। इस साल कोरबा जिले में किसानों की उमीद के अनुसार बारिश हुई है इससे फसल पिछले साल की तुलना में मजबूत है। दूसरी कर्मियों की हड़ताल से खरीदी कार्य प्रभावित हो सकती है।

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