माकपा ने नगर निगम कोरबा के बजट को जन विरोधी बताया, महापौर पर लगाया वादा से मुकरने का आरोप
कोरबा 16 अक्टूबर | मा क पा यानि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरबा नगर निगम में दो दिन पूर्व पारित बजट को जन विरोधी व विकास विरोधी करार देते हुए बांकीमोंगरा में बजट की प्रतियां जलाई। बांकीमोंगरा क्षेत्र की उपेक्षा से नाराज सैकड़ों नागरिकों और व्यापारियों ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया।
माकपा ने कहा है कि विकास के नाम पर आउट सोर्सिंग और निजीकरण के किसी भी प्रस्ताव को माकपा का समर्थन न मिलने की घोषणा पार्टी ने पहले ही महापौर को दिए अपने ज्ञापन में कर दी थी और अब इसके खिलाफ पार्टी सड़क पर लड़ाई लड़ेगी। माकपा ने कड़े शब्दों में कहा है कि विपक्षी पार्षदों को सदन में घुसने से रोककर और सदन को गुमराह कर, बजट प्रस्तावों पर बिना किसी चर्चा के महापौर बजट पारित कराने की चालबाजी तो कर सकते हैं, लेकिन जनता का दिल नहीं जीत सकते।
माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में कहा है कि 850 करोड़ रुपयों के बजट में आम जनता के लिए न विकास है, न राहत, जबकि अधिकांश नागरिकों की आजीविका कोरोना संकट के कारण प्रभावित हुई है और उनकी आय में भयंकर गिरावट आई है। यही कारण है कि माकपा ने गरीब जनता और लघु व्यापारियों का संपत्ति कर सहित अन्य बकाया कर माफ करने, कर्मचारियों के नियमित पदों को भरने और सफाई कर्मियों को दैनिक वेतनभोगियों के रूप में नियमित करने और राजस्व भूमि व वन भूमि पर वर्षों से काबिज परिवारों को पट्टे और भू-अधिकार पत्र देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि निजीकरण व आउट सोर्सिंग के प्रस्तावों का माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर द्वारा विरोध करने पर पूरे सदन को इन प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने का जो आश्वासन महापौर ने दिया था, उससे चंद घंटे के अंदर मुकरने से यह बात साफ हो गई है कि कांग्रेस की प्राथमिकता में जनता की रोजी-रोटी का सवाल नहीं है, केवल ठेकेदारों और निजी एजेंसियों की तिजोरी को भरना है।