अभी भी हैं- रेडियो के दीवाने: विश्व रेडियो दिवस पर विशेष@ सत्यप्रकाश पांडेय
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विश्व रेडियो दिवस 13 फरवरी पर विशेष
सत्यप्रकाश पांडेय, बिलासपुर
गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा, हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा … यही गीत उस दिन इनके रेडियों पर बज रहा था जब मैं इनकी तस्वीरें कैमरे में समेट रहा था। मुझे इनका नाम नहीं मालूम, इन्होने पूछने पर भी कुछ कहा नहीं। पास खड़े एक ट्रेफिक सिपाही ने पूछने पर मुझे बताया … ये रोज यहां आते हैं, घंटों बैठकर रेडियो सुनते हैं फिर झोला-झंडी समेटकर लौट जाते हैं। कहाँ जाते हैं, कहाँ रहते हैं कोई ख़बर नहीं। हाँ इतना सुना है कि इनका मानसिक संतुलन कुछ ठीक नहीं है।
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जी हाँ, महामाया चौक में खड़े उस यातायात सिपाही की बताई हुई इतनी ही जानकारी मेरे पास इनके बारे में है। बिलासपुर शहर के अरपा पार महामाया चौक में बने बस स्टॉप की बेंच पर इन्हें रोज देखा जा सकता है। देखने वाले बताते हैं कि ‘रेडियों’ ही इनकी असल महबूबा है। शायद बताने वालों ने सच ही कहा होगा तभी तो तार-तार हो चुके रेडियों से भी इन्हें सकून देने वाले मधुर गीतों की धुन सुनाई देती है। ज़रा इनके रेडियो पर भी गौर कीजियेगा, सामान्य आदमी इसमें न गीत सुन सकता है, न ही मनचाहे स्टेशन को ट्यून कर पायेगा। मगर इनका जवाब नहीं है, बिखरे हुए रेडियो के पार्ट्स और एक दूसरे से अलग होते तार इनके हाथ लगते ही शायद झनझना उठते हैं। कई हिस्सों में खुला हुआ रेडियों इनको उतना ही चैन-सकून देता है जितना आराम आज के दौर में लोग इंटरनेट और मोबाईल पर खोज लेते हैं।
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आज विश्व रेडियो दिवस है। ये तस्वीर ख़ास आज के लिए ही लेकर आया हूँ, ये हक़ीक़त इस दौर में रेडियों सुनने वालों की दीवानगी का सच है। वक्त के साथ चीजें भी बदली, नहीं बदली तो लोगों की रेडियो सुनने की दीवानगी। अब भी ऐसे श्रोता हैं जो पूरी शिद्दत के साथ रेडियो सुनते हैं। आज भी हजारों श्रोता पत्र भेजकर अपनी फरमाइश का कार्यक्रम सुनते हैं। रेडियो विश्व का सबसे सुलभ मीडिया है। दुनिया के किसी भी कोने में रेडियो सुना जा सकता है। वे लोग, जो पढऩा-लिखना नहीं जानते, रेडियो सुनकर सारी जानकारियाँ पा जाते हैं। आपातकालीन परिस्थितियों में रेडियो सम्पर्क-साधन की भूमिका भी निभाता है और लोगों को सावधान और सतर्क करता है।
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आपको बता दें कि स्पेन रेडियो अकैडमी ने 2010 में पहली बार इसका प्रस्ताव रखा था। 2011 में यूनेस्को की महासभा के 36वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस घोषित किया गया। 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के तौर पर यूनेस्को की घोषणा को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 14 जनवरी, 2013 को मंजूरी दी। हर साल यूनेस्को दुनिया भर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों के साथ मिलकर रेडियो दिवस के अवसर पर कई तरह की गतिविधियों का आयोजन करता है।
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