रजगामार क्षेत्र महिला सरपंच के विरुद्ध धारा 92 व 40 की कार्यवाही पर कमिश्नर ने दिया स्थगन आदेश

कोरबा 11 जनवरी। कोरबा जिलान्तर्गत ग्राम पंचायत रजगामार सरपंच के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा धारा 40 व धारा 92 के तहत की जा रही कार्यवाही को उक्त महिला सरपंच के द्वारा न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग के पास याचिका दायर करते हुए याचिका में कहा गया कि जिला प्रशासन के दबाव में भारतीय संविधानों को ताक में रखकर प्रशासन लगातार मनमौजी गलत आरोप लगाकर झूठी कार्यवाही कर परेशान रही है।

सरपंच ने यह भी कहा कि ग्राम पंचायत के विकास के लिए मैंने जनता के मांग के अनुरूप बहुत सारे निर्माण कार्य कराए हैं। जिसका फोटो भी न्यायालय मे अवलोकन कराया गया लेकिन प्रशासन उनकी जांच करने के बजाय अधूरे जांच में ही बिना पक्ष को सुने दुर्भावनावश एक पक्षीय व गलत कार्यवाही कर रही है। सरपंच ने कहा कि जिला प्रशासन कोरबा के कार्यवाही पर विश्वास नहीं है। मेरी जांच आयुक्त कार्यालय बिलासपुर संभाग के न्यायालय से राज्य स्तर पर कमेटी बनाकर जाँच कराई जाए। सरपंच की याचिका पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार करते हुए महिला सरपंच को न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग ने 09.01.2024 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 6.12.2024 के क्रियान्वयन एवं धारा 92 एवं 40 के अंतर्गत संधारित प्रकरण में किये जा रहे कार्यवाही पर आगामी 15 दिवस तक के लिए स्थगन देते हुए, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा को आदेश का पालनार्थ करते हुए वांछित प्रकरण को पेशी दिनांक 24.01.2025 से पहले न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग कार्यालय में अनिवार्य रूप से प्रकरण को भिजवाने हेतु निर्देशित किया गया है।

महिला सरपंच ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि एसडीएम कोरबा के द्वारा न्यायालय के नियमों को ताक में रखकर विधि विरुध सरपंच का बिना पक्ष को सुने निर्णय दिया गया है। मेरे प्रतिनिधि के माध्यम से मुझे न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग से स्थगन मिलने की सूचना एसडीएम को फोन पर दोपहर 2रू00 बजे दिया जा चुका था। आधे घंटे में आदेश की कॉपी आपके कार्यालय में मिल जाएगा। सूचना देते हुए कहा गया था। लेकिन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा अपने न्यायालय में कभी भी धारा 40 का प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया था और ना ही धारा 40 या धारा 92 के तहत कोई प्रकरण उनके न्यायालय में चलाई जा रही थी। फिर भी आनन-फानन में अपने उच्च न्यायालय के आदेश का लगातार अवमानना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा किया गया है।

सरपंच के द्वारा 6 जनवरी 2025 को उपस्थित होकर जवाब हेतु समय मांग की गयी और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए 15 दिवस का समय देने का आग्रह किया गया। लेकिन अनुविभागीय अधिकारी कोरबा के द्वारा 15 दिवस का समय उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी नहीं दिया गया। केवल तीन दिन बाद पेशी रख दी गई। इस तरह से अनुविभागीय अधिकारी कोरबा के द्वारा दबाववश दूषित मानसिकता से न्यायालय के नियमों को ताक में रखकर सरपंच के ऊपर आरोप लगाकर धारा 40 (1) के तहत जो कार्यवाही की गई है वह विधि विरुद्ध न्याय संगत नहीं है। महिला सरपंच को माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर व न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग के द्वारा दिए गए आदेश के विरुद्ध जानबूझकर परेशान करने की नीयत से कलेक्टर के दबाव में दूषित मानसिकता से प्रेरित होकर गलत कार्यवाही की गई है।

शासन के आदेशों को दरकिनार करते हुए दुर्भावनावश सरपंच रामूला राठिया के विरुद्ध दूषित मानसिकता से गलत कार्यवाही के विरुद्ध न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग के द्वारा महिला सरपंच ग्राम पंचायत रजगामार के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा धारा 92 व धारा 40 की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए स्थगन आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के बाद से स्पष्ट हो गया है कि महिला सरपंच अपने पद पर बनी रहेगी।

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