आदिवासी और प्रकृति एक दूसरे के पूरक है: धरमलाल कौशिक
आदिवासी दिवस पर बिलासपुर में आयोजित आदिवासी शोभा यात्रा में शामिल हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक*
बिलासपुर। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक आदिवासी दिवस पर बिलासपुर में आयोजित शोभा यात्रा में शामिल हुए। इस मौके पर आदिवासी संगठनों से जुड़े लोग इक्ट्ठा हुये। जहां से बाजे-गाजे के साथ शोभा यात्रा निकली गई। इसमें आदिवासियों के पारंपरिक परिधान में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुये। इस मौके पर उन्होंने आदिवासी समाज के भाई– बहनों से सौजन्य भेंट की और विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा कि यह दिवस आदिवासी समाज के सम्मान का प्रतीक हैं। आदिवासियों के जीवन, कला, भाषा परम्पराएं, नृत्य एवं आदिवासी महापुरूष देश एवं प्रदेश की अमूल्य धरोहर हैं एवं प्रकृति के प्रति उनका निश्चल प्रेम हमें प्रकृति संरक्षण हेतु सदैव प्रेरित करता रहेगा। आदिवासी वर्ग के उत्थान के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होने कहा कि आदिवासी समुदायों , संवाद, उनकी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान , उनके अधिकारों के लिए समर्थन जुटाने की गति विधियाँ इस शोभायात्रा के माध्यम से अभिव्यक्त किया है । शोभा यात्रा में नदी से कैसे सोने का कण निकाला जाता है , इस बात की जान कारी भी आदिवासी महिला पुरुष दे रहे थे । आदिवासी पोशाक उनका तीर कमान सब इस शोभा यात्रा में देखने के लिए मिला। इस मौके पर आदिवासी समाज के समस्त पदाधिकारीगण एवं सदस्य गण शामिल हुए।