660 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य उपकरण खरीदी घोटाला.. मंत्री के सख्त तेवर से दोषियों में हडकंप

सीएजी के ऑडिट रिपोर्ट में घोटाले का हुआ खुलासा

बिना किसी बजट आवंटन के खरीद लिए गए उपकरण

सिंहदेव ने भी मामले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग की

रायपुर 01 जुलाई. स्वास्थ्य विभाग हमेशा से विवादों के घेरे में रहा है। पूर्ववर्ती सरकार में स्वास्थ्य उपकरणों की खरीदी में भारी गड़बड़ी की शिकायतें उठती रहीं पर कोई कार्रवाई नहीं होने से अधिकारियों के हौसले बुलंद थे। बड़ी बात ये है कि कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में 660 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य उपकरण खरीदी में घोटाला हुआ है। वर्तमान सरकार के मंत्री के सख्त रवैये से हडकंप मचा हुआ है वहीं पूर्व सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने भी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर दी है। मतलब अब दोषियों का नपना तय है।

यह खुलासा हुआ है प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) छत्तीसगढ़ की आडिट रिपोर्ट में। इसके मुताबिक राज्य में वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान चिकित्सा उपकरण और अभिकर्मक बिना किसी बजट आवंटन के ही खरीद लिए गए। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (सीजीएमएससी) ने मोक्षित कार्पोरेशन के माध्यम से करोड़ों की खरीदी कर गड़बड़ी की है। प्राथमिक जांच में यह गोलमाल सामने आने पर लेखा एवं लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आइएएस यशवंत कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ को पत्र लिखा है। महालेखाकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को लिखे गए पत्र के बाद वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि ऑडिट रिपोर्ट जिस वित्तीय सत्र की है उस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव रहे हैं। सिंहदेव ने भी मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होने की बात कही है।

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