गढकलेवा मैं शिफ्टिंग को लेकर कारोबारी में नारागी

ग्राहकों की उपस्थिति ना के बराबर

कोरबा 13 जून। 18 लख रुपए से ज्यादा खर्च करने के साथ नगर पालिका निगम कोरबा के द्वारा खोमचा कारोबार करने वाले लोगों के लिए गढ़ कलेवा विकसित किया गया है। अंतिम रूप से इसका संचालन इसी स्थान पर किया जाना है। कई प्रकार की व्यवहारिक समस्याओं के कारण निगम ने इस व्यवस्था को अपनाना तय किया है। इस फैसले के विरोध में चौपाटी में सन्नाटा है। तर्क दिया जा रहा है कि पुरानी जगह पर ही कामकाज किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने और समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए कोरबा समेत अनेक स्थानों पर गढ़ कलेवा की संकल्पना के अंतर्गत काम कराया गया। स्मृति उद्यान के पास गढ़ कलेवा का विकास पिछले वर्षों में नगर निगम की ओर से किया गया। मौके पर सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई और कारोबार करने वाले वर्ग को राहत देने का प्रयास किया गया। काफी समय तक इस परिसर से कारोबारी करने वाले वर्ग ने बेहतर सहूलियत प्राप्त करने के साथ-साथ व्यवसाय भी किया और लाभ कमाया। बाद में यहां पर हुई घटनाओं की वजह से कारोबारी दूसरे स्थान की तरफ चले गए ।लंबे समय से ओपन थिएटर क्षेत्र में चौपाटी का संचालन इस कड़ी में जारी रहा। नगर पालिका निगम ने एक बार फिर योजना के अंतर्गत खर्च करते हुए गढ़ कलेवा को सिस्टमैटिक कर लिया है। अब इसी स्थान पर चौपाटी का संचालन कराया जाना है और इसके लिए हर स्तर पर प्रक्रियाएं की जा रही हैं। इधर नगर निगम के इस निर्णय पर आपत्ति दर्ज करने के साथ चौपाटी से संबंधित कारोबारी ने अपना कामकाज बंद कर दिया है। इसके चलते मौके पर सन्नाटा की स्थिति बनी हुई है। लोक दबाव बनाने में लगे हैं कि कामकाज पुरानी जगह पर जारी रहने दिया जाए। इसके पीछे अपने-अपने तरीके से कारण बताए जा रहे हैं और तर्क दिए जा रहे हैं। घोषणा की गई है कि तीन दिन से उनकी दुकान बंद है और आगे भी वे किसी प्रकार का व्यवसाय विरोधबस नई जगह पर नहीं करेंगे।

कारोबार करने वाला वर्ग इस बात को कह रहा है कि गढ़ कलेवा में उन्हें शिफ्ट करने के लिए योजना बनाई गई है वहां पर ग्राहकों की उपस्थिति ना के बराबर होती है। पहले भी इस तरह की तस्वीर बन चुकी है और काफी नुकसान हो चुका है। इसलिए दूसरी बार ऐसी जोखिम मोल लेने की मानसिकता बिल्कुल नहीं है। उन्होंने नगर निगम से इस मामले में एक बार फिर विचार करने को कहां है।

दूसरी और निगम और यातायात पुलिस ने इस बात को महसूस किया है कि ओपन थिएटर से लेकर घंटाघर के आसपास के इलाके में सडक के किनारे लगने वाली स्ट्रीट फूड की दुकानों से समस्या पैदा हो रही है। शाम से लेकर रात तक यहां यातायात बाधित होने और लोगों को परेशान होता देखा गया है। कई स्तर पर परीक्षण करने के बाद इस नतीजे पर पहुंच गया है कि किसी भी कीमत पर मुख्य मार्ग पर और ओपन थिएटर क्षेत्र में चौपाटी नहीं चलाई जाएगी।

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