कनकी में पहुंचे प्रवासी पक्षी, समृद्धि का संदेश

कोरबा 10 जून। पक्षियों का अपना अलग संसार है और उनका बिल्कुल अलग विज्ञान। तकनीक के इस युग में भी हैरान करने वाला मैपिंग सिस्टम मौजूद है जिसके जहां सहारे वह बड़ी आसानी से पहुंच जाते हैं और कुछ समय के बाद फिर पुरानी जगह पर लौट आते हैं। साइबेरिया जैसे दूर देश से ऐसे ही प्रवासी पक्षी एशियन ओपन बिल स्टार्क की उपस्थिति एक बार फिर कोरबा जिले के कनकी में हो गई है। यहां के प्राचीन मंदिर के पास उनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।

कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर करतला विकासखंड के गांव कनकी मैं सफेद रंग के खूबसूरत पक्षियों को देखना लोगों के लिए काफी सुखद एहसास है। एक दशक से पक्षियों ने यहां पर आना शुरू किया है। साइबेरिया की दूरी हजारों किलोमीटर दूर है जहां से यह पक्षी छत्तीसगढ़ के इस शांत स्थान की तरफ रुख करते हैं। बीते वर्षों से उन्होंने इस जगह को अपना सबसे अच्छा ठिकाना माना और उनकी उपस्थिति यहां लगातार हो रही है। अब तक 50 से अधिक पक्षियों का डेरा सीमित आबादी वाले इस गांव में लग चुका है। प्राचीन कनकेश्वर मंदिर के बाहरी परिसर में लगे पीपल के वृक्ष में प्रवासी पक्षियों ने अपना ठिकाना पहले की तरह बनाया है। इस इलाके के ग्रामीण मानते हैं कि पक्षियों की उपस्थिति एक प्रकार से समृद्धि का संदेश है। उन्होंने इसे महसूस किया है इसलिए अभी सभी पक्षियों को अपना सबसे अच्छा साथी समझते हैं और हर प्रकार से उनकी रक्षा भी करते हैं। प्रवासी पक्षी संरक्षण के अंतर्गत वन विभाग की ओर से इस स्थान पर जरूरी जतन किए गए हैं ताकि किसी भी तरीके से उन्हें नुकसान न होने पाए।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रवासी पक्षी मुख्य रूप से प्रजनन के लिए इस स्थान तक पहुंचाते हैं और निश्चित समय के बाद फिर अपने मूल देश को वापस लौट जाते हैं। यूं तो छत्तीसगढ़ में और भी कई अच्छी जगह है लेकिन प्रवासी पक्षियों का कोरबा जिले के इस गांव को चुना यह दर्शाता है कि यहां कुछ खास तो है।

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