महावीर कोलवासरी के लिए जन सुनवाई के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने घेरा कलेक्ट्रेट
बिलासपुर। महावीर कोलवासरी खोलने के विरोध में कई गावों के ग्रामवासी एकजुट हो गए हैं। जुलाई 2021 में कोलवासरी के लिए आयोजित जन सुनवाई को भारी विरोध के कारण प्रशासन ने निरस्त कर दिया गया था। अब दो साल बाद फिर से जन सुनवाई की कोशिश की जा रही है जबकि ग्रामीण अभी भी कोल वासरी के सख्त खिलाफ है । आज बड़ी संख्या में ग्रामीण /महिलाएं/बच्चे कोलवासरी खोलने के खिलाफ कलेक्ट्रेट पहुंचे और उनके प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी दी।
खरगहनी , पथर्रा ,बेलमुंडी , छतौना समेत कई ग्रामों के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेसा एक्ट लागू है । आदिवासी बाहुल्य ग्राम है लेकिन नेहरू नगर बिलासपुर निवासी राजेंद्र सिंह गोड जो मूलत झारखंड निवासी है ने खुद को आदिवासी बता गांव के कई आदिवासियों की जमीन अलग अलग जो करीब 52 एकड़ है की खरीदी की । जिसकी स्वीकृति तत्कालीन कलेक्टर सारांश मित्तर ने दी थी । उसने सामान्य वर्ग के लोगो की भी जमीन खरीदी ।
कुछ माह बाद राजेंद्र सिंह गोड की इसी जमीन का प्रमोद ,विनोद जैन के नाम पर डायवर्सन हो गया। लाकडाउन के दौरान इसका एनओसी भी दे दिया गया। जिसका विरोध करते हुए कलेक्टर को शिकायत किया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नही हो पाई। ग्रामीणों ने बताया कि दो बार पहले भी भारी विरोध के कारण जन सुनवाई निरस्त की जा चुकी है। यही नहीं कई और दूसरे उद्योगों की जान सुनवाई भी निरस्त की जा चुकी है। कलेक्टर ने एस डी एम को मौके पर जाकर वस्तुस्थिति की रिपोर्ट देने कहा है।