टीपी नगर रेल्वे क्रासिंग पर दो घंटे फंसी मालगाड़ीः आवाजाही बाधित से लोग हुए परेशान
तीसरे इंजन का मिला सहारा तब हुई गंतव्य को रवाना
कोरबा 26 मई। कोरबा क्षेत्र में रेल सुविधा किस स्तर पर है, यह काफी समय से लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। गिनती की यात्री गाडियां अनियमित रूप से चल रही हैं। इसके ठीक उल्टे मालगाडियों की अबाध आवाजाही के कारण शहर के हर हिस्से में परेशानियां हैं। कोयला लोड कर बालको प्लांट जा रही मालगाड़ी एक बार फिर ट्रांसपोर्ट नगर क्रासिंग पर फंस गई। इससे दो घंटे आवाजाही बाधित रही। तीसरे इंजन को रिलिफ के लिए मौके पर भेजा गया तब मालगाड़ी गंतव्य को रवाना हो सकी। इस दौरान तीन दिशा में नागरिक परेशान होते रहे।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने कोरबा का उपयोग कुल मिलाकर कोयला लदान को अधिकतम मात्रा में करने का निर्णय ले लिया है। इसके चलते समस्याएं लगातार बढ़ रही है। कोरबा से हर 30 मिनट के भीतर मालगाडियों को रवाना किया जा रहा है जो जिले में स्थित एसईसीएल की विभिन्न परियोजनाओं से कोयला लोड करने के साथ अपने अंतिम प्वाइंट के लिए भेजी जाती है। देश के विभिन्न राज्यों के बिजली सहित दूसरे उद्योगों की जरूरत को पूरा करने के लिए स्थानीय एसईसीएल की खदानों को जिम्मेदारी मिली हुई है। अधिकतम कोयला सप्लाई और ट्रांसपोर्टिंग के लिए एसईसीएल व रेलवे के बीच एमओयू है। दोनों ही प्रतिष्ठान इसके माध्यम से भारी-भरकम कमाई करने में लगे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में अनेक मौकों पर नियमों की अनदेखी की जा रही है और इसकी कीमत चुका रही है जिले की जनता। गर्मी के मौसम में मालगाडियों के साथ कई प्रकार की समस्याएं निर्मित हो रही है और वे सही तरीके से ट्रैक पर रन करने में समर्थ नहीं हो पा रही है। एक सप्ताह में दूसरी बार बालको की मालगाड़ी के पहियों ने ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रासिंग पहुंचने तक जवाब दे दिया। रविवार को सुबह 10 बजे स्टेशन से दो इंजन के साथ रवाना हुई मालगाड़ी बालको प्लांट को जा रही थी। शारदा विहार क्रासिंग के बाद ही इसने अपने रंग-ढंग दिखाने शुरू कर दिये। ट्रांसपोर्ट नगर क्रासिंग आने तक यह थम गई। यह सिलसिला पूरे दो घंटे जारी रहा। इसके कारण ट्रांसपोर्ट नगर मुख्य मार्ग पर जहां आवागमन का दबाव बढ़ा वहीं एसईसीएल कार्यालय, मुड़ापार की दिशा में आवाजाही बाधित रही। यही हाल शारदा विहार मार्ग का रहा। 43 डिग्री के तापमान में लोग अतिरिक्त चक्कर लगाने को मजबूर रहें। वहीं संबंधित दिशा में दबाव बढने से लोगों की परेशानी बढ़ी। कई स्तर पर फोन होने के बाद रेलवे ने तीसरे इंजन को भेजा जिसके जरिए फंसी हुई मालगाड़ी को यहां से आगे बढ़ाने का काम पूरा हो सका।
रेलवे के एक अधिकारी ने इस तरह की समस्या को लेकर बताया कि शारदा विहार से ट्रांसपोर्ट नगर क्रासिंग के बीच का ट्रैक कुछ पेचिदा है। यहां अप ग्रेडिएंट की उपस्थिति है इस वजह से भी पावर इंजन को अधिक क्षमता दिखानी होती है। हालांकि रेलवे अपनी मात्रा के हिसाब से मालगाडियों में वैगन भेज रहा है। इसके बावजूद अलग-अलग कारणों से अप ग्रेडिएंट ने बैलेंसिंग और पावर के समन्वय की कमी से आधे रास्ते पर समस्याएं खड़ी हो जाती है। निश्चित रूप से इसके चलते हमारे स्टाफ के साथ-साथ नागरिकों को दिक्कतें होती है। रेलवे का यह भी कहना है कि कई मौकों पर नए लोको पायलट ऐसी गाडियों को संचालित करते हैं। इस रास्ते की समझ की कमी के चक्कर में वे उतना मूवमेंट नहीं कर पाते जो अपेक्षित होता है। इससे भी आगे के रास्ते में स्पीड स्लो हो जाती है और समस्या पेश आती है। जबकि शारदा विहार से आगे के रास्ते में लोगों के निकलने व मवेशियों के आने के कारण भी गति सीमा पर इसका असर पड़ता है।