कोदो और माहुल पत्ता प्रसंस्करण से महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर
कोरबा 12 मई। विविध वनोपज से महिला समूह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। माहुल पत्ता व कोदो प्रसंस्करण केंद्र का संचालन कटघोरा वन मंडल में सराहनीय है। यह बात रायपुर से पहुंचे लघुवनोपज संघ के मुख्य संरक्षक मो. शाहिद ने जिला प्रवास के दौरान कही।
कटघोरा वन मंडल कार्यालय पहुंचने के बाद उन्होने कसनिया में चल रहे कोदो प्रसंस्करण केंद्र का दौरा किया। इस दौरान महिलाओं केंद्र चल रही गतिविधियों की जानकारी दी। डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि प्रसंस्करण केंद्र खुलने से कोदो की अच्छी कीमत मिल रही है। फसल उत्पादन के लिए किसान प्रेरित हो रहे हैं। मुख्य संरक्षक ने महिलाओं से प्रसंस्करण से मिलने वाली लाभ के बारे में जानकारी ली। कसनिया के बाद वे छुरी में संचालित माहुल पत्ता प्रसंस्करण केंद्र पहुंचे।
यहां उन्होने महिला समूह द्वारा तैयार किए जा रहे दोना पत्तल निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इस दौरान महिलाओं ने तैयार सामान को बाजार में खपाने और वन विभाग के सहयोग से मिल रहे लाभ के बारे में जानकारी दी। अधिकारी ने हाथी प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर तेंदूपत्ता फड़ों में वनोपज संग्रहण का जायजा लिया।