किराना व्यवसायी का बेटा बारहवीं टापटेन में पांचवे स्थान पर
दसवीं प्रवीण्य सूची में गामिनी व कृतिका ने बढ़ाया जिले का मान
डॉक्टर बन करना चाहती है मरीजों की सेवा
कोरबा 10 मई। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं व बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम गुरूवार को जारी कर दिया। बारहवीं में इस बार जय भारत स्कूल कटघोरा में अध्ययनरत शुभ अग्रवाल ने टापटेन में पांचवा स्थान प्राप्त किया है। उसके पिता ग्राम रंजना में किराना दुकान चलाते हैं। दसवीं की जारी परिणाम में गामिनी कंवर ने प्रवीण्य सूची में पांचवा व कृतिका कंवर ने दसवां स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। दोनों ही छात्राएं सरस्वती शिशु मंदिर ढेलवाडीह की छात्राएं हैं। जिले के औसत उत्तीर्ण परिणाम पर गौर किया जाए तो हाईस्कूल 74.38 व बारहवीं 79.22 प्रतिशत है, जो बीते वर्ष की तुलना में बेहतर है।
एसईसीएल खदान में कार्यरत गंगासिंह कंवर की बेटी गामिनी कंवर दसवीं कक्षा के प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाया है। गामिनी का कहना था कि दसवीं प्रवेश के साथ ही उसने उद्देश्य बना लिया था कि टापटेन में अपना नाम शाामिल करना है। गामिनी का कहना है कि अध्यापन के लिए घर से हमेशा ही प्रोत्साहन मिला। पांच भाई – बहन के परिवार में वह दूसरे नंबर की है। पिताजी कहते हैं कि बड़े भाई बहन मेहनत करते हैं तो उसकी देखा-देखी छोटे भी मेहनत करते हैं। इस वजह पूरे मेहनत पढ़ाई। मां बसंती कंवर गृहणी है। गामिनी ने बताया बताया कि उसके माता-पिता है उसके आदर्श हैं। भजन व फिल्म संगीत में रूचि रखने वाली गामिनी ने यह भी कहा शिक्षकों के सहयोग के बिना यह स्थान मिलना असंभव था।
किसी भी परीक्षा की तैयारी में समय का ध्यान रखना सबसे महत्वपूर्ण है। गामिनी का कहना है कि मेहनत की सार्थकता तभी है जब शिक्षकों बताए नियम अनुसार पढ़ाई की जाएगा। स्कूल की पढ़ाई के अलावा वह घर में नियमित चार से पांच घंटे पढ़ाई करती थी। मोबाइल का आवश्यकतानुसार उपयोग करने की सीख शिक्षकों ने पहले ही दे रखी थी। जिसका पालन करने कोई समझौता नहीं की। गामिनी का कहना है कि वह सर्जन बनना चाहती है। ग्यारहवीं में बायोलाजी विषय लेकर आगे की पढ़ाई जारी रखेगी। नीट की परीक्षा उत्तीर्ण करना उसका मुख्य लक्ष्य है। दसवीं में बेहतर अंक लाने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए यह सिलसिला जारी रखने के लिए दायित्व और भी अधिक बढ़ गया है।
सफलता का मूलमंत्र केवल मेहनत है। इस ध्येय वाक्य के साथ चलने के कारण दसवीं कक्षा के टापटेन में स्थान मिला है। बेहतर प्रदर्शन को लेकर मन में संशय तो था लेकिन मेहनत की वजह विश्वास भी अटूट था। यह कहना है छात्रा कृतिका का। उसके पिता नेपाल सिंह कृषक हैं और माता सुनीता कंवर गृहणी है। कृतिका कहती है कि सफलता के मेहनत की सीख पिता से मिली है। मां हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित करती हैं। वह कहती हैं कि विद्यार्थी जीवन केवल पढ़ाई के लिए होती है। इस अवसर से चुके तो पीछे केवल पछतावा ही रहेगा। खेल में रूचि रखने वाली कृतिका का कहना है कि पाठ्य पुस्तकों के अलावा महापुरूषों की जीवनी पढ़ना उसकी पहली पसंद है। अपनी सफलता का श्रेय वह अपने माता-पिता के अलावा शिक्षकों को देती है।
कृतिका ने बताया कि अनुशासित रहकर पढ़ाई करने का परिणाम सामने आया है। बाजार में बेहतर पुस्तकें मिल सकती हैं लेकिन उसे पढ़ने लिए लगन हमें स्वयं से लाना होगा। स्कूल में पढ़ाई के अलावा घर में भी प्रतिदिन तीन से चार घंटे पढ़ाई करती थी। पिछले चार वर्षों के प्रश्न पत्र का अवलोकन कर लघु उत्तरीय और निबंधात्मक प्रश्नों की तैयारी की। कृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहती है। ग्यारहवीं कक्षा में बायोजाली विषय लेकर आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए उसने अभी से मन बना लिया है। कृतिका कहना है सफलता पाने के लिए वह कड़ी से कड़ी मेहतन करने के लिए तैयार है।