बिना काम के वेतन लेने वाले सीएचसी के रेडियोग्राफर को सीएमएचओ ने थमाया नोटिस

कोरबा 21 अपै्रल। पौडी उपरौड़ा के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर मैं पदस्थ एक रेडियोग्राफर की कार्यशेली पर उंगली उठने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। बिना काम के वेतन लेने और दूसरे व्यक्ति को कथित रूप से अपना काम करने देने की कृत्य को विभाग ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में रेडियोग्राफर को 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।

कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने लंबे समय से सूरज मणि नीलम रेडियोग्राफर के पद पर भले ही इस स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ है लेकिन अपने काम करने में रुचि नहीं है। अस्पताल के कर्मचारियों के अलावा जीवनदीप समिति के सदस्यों व अन्य लोगों ने उनकी उपस्थिति के बारे में अनभिज्ञता जताई थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह सामने आई थी कि जब सूचना के अधिकार से जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि उपस्थिति पंजी में चालबाजी करते हुए इस वरिष्ठ रेडियोग्राफर का नाम अंतिम सीरियल पर लिख दिया गया ताकि सुविधा के अनुसार हिसाब किताब हो सके। बताया गया था कि महीने में लगातार गोल करने के बाद अंतिम दिवस के आसपास उनकी उपस्थिति अस्पताल में होती है और फिर वह पूरे दिन का अटेंडेंस लगा देती है चाहे उसे दिन रविवार या अन्य कोई अवकाश क्यों ना हो। इस प्रमाण के साथ प्रकाशित किया गया और इस मामले में सरकार के ध्यान में इस बात को में लाया गया कि बिना किसी कामकाज के यह कर्मचारी वेतन प्राप्त कर रही है। अपने बचाव के लिए किसी अपात्र व्यक्ति को अपने हिस्से का काम करने के लिए अनाधिकृत रूप से मौके पर रखे जाने की बात भी सामने आई।

सीएमएचओ ने इस मामले को गंभीरता से लेने के साथ रेडियोग्राफर सूरजमनी को नोटिस जारी किया है और 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है। मामले की जांच के लिए विकासखंड चिकित्सा अधिकारी को अधिकृत किया गया है। पूरे मामले को प्रकाश में लाने वाले लोगों को इस बात का इंतजार है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी क्या नोटिस देने के बाद जवाब का इंतजार करेंगे या संबंधित तथ्यों के आधार पर भी अगली कार्रवाई करेंगे।

इस तरह के सवाल इसलिए भी पूछे जा रहे हैं क्योंकि वर्ष 2023 के दिसंबर महीने में विकासखंड कोरबा अंतर्गत कोरकोमा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा एमएल भारिया ने तृतीय श्रेणी कर्मचारी के साथ मारपीट की थी। कायाकल्प योजना की बैठक शनिवार को यहां रखी गई थी। अगले दिवस रविवार का अवकाश था। सोमवार को प्रथम कार्य दिवस पर सभा कक्ष से कुर्सी टेबल हटाने की बात को लेकर प्रभारी चिकित्सा ने कर्मचारियों पर दबाव बनाया। तृतीय श्रेणी कर्मचारी के द्वारा अपनी ड्यूटी नहीं होने का तर्क दिया गया जिसके बाद उससे मारपीट की गई। इस मामले में कोरबा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के द्वारा जांच करने के साथ रिपोर्ट बहुत पहले सौपी जा चुकी है लेकिन उसके बावजूद अब तक जिले के अधिकारी ने इस दिशा में कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी है।

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