एसईसीएल के 200 करोड़ की वित्तीय सहायता के बावजूद फोरलेन सड़क अधूरी

जाम के कहर से कराह रहा कुसमुंडा, आम जनता परेशान

कोरबा 22 मार्च। कोयलांचल कुसमुंडा के लंबे-चौड़े इलाके में आए दिन जाम लगने की समस्या और इस वजह से गतिरोध उत्पन्न होने के मामले जस की तस बने हैं। इसे लेकर अब मारपीट तक की नौबत आ गई है। सबसे हैरानी की बात यह है कि एसईसीएल के 200 करोड़ की वित्तीय सहायता के बावजूद फोरलेन सडक अधूरी पड़ी है जबकि जाम को समाप्त करने के लिए पुलिस की ओर से किये गए हवा-हवाई दावों का असली सच सामने आ रहा है।

जिले के कुसमुंडा कोलफील्ड्स से लेकर मुख्य मार्ग में वाहनों के जाम का मसला लंबा अरसा बीतने के बाद भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो वर्षों में कई प्रकार के प्रयोग इसे लेकर हो चुके हैं लेकिन ये सब सिफर रहे। इसके पीछे अलग-अलग कारणों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की जा रही है पर यह तय नहीं हो सका कि समाधान आखिर कैसे होगा। पिछले वर्ष सीएसपी दर्री और कुसमुंडा टीआई ने ट्रांसपोटर्स के साथ बैठक कर इस बारे में विचार किया था। कहा गया था कि कोयला से संबंधित गाडियां 4 नंबर बेरियर से भीतर प्रवेश करेगी, कहीं और से नहीं। कुछ दिन तक यह सब जारी रहा और बाद में फिर वही ढर्रा शुरू हो गया। वर्तमान में कुसमुंडा से कनबेरी की तरफ भारी वाहनों की आवाजाही के चक्कर में आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसके लिए रणनीतिक फैसलों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। हादसों में लोगों के मृत होने से लेकर जख्मी होने का सिलसिला भी जारी है। व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी पुलिस को जरूर दी गई है लेकिन किस तरीके से काम हो रहा है इसके नमूने सबके सामने हैं। परिस्थितियां इस तरह की बन रही है कि अब हादसे और दूसरे मामलों को लेकर पुलिस के सामने ही लोग न केवल भिड़ रहे हैं बल्कि मारपीट पर भी उतारू हो रहे हैं। ऐसे में कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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