जल आवर्धन योजनाः पानी नहीं मिला और कर दिया 07 करोड़ का भुगतान

मामले की जांच के लिए होगी समिति गठित

कोरबा 24 नवम्बर। कोरबा जिले की दीपिका नगर पालिका परिषद में जल आवर्धन योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने के आरोप लग रहे है। मल्टी अर्बन कंपनी नागपुर को इस कार्य के लिए एजेंसी बनाया गया था।

इस योजना के तहत लगभग 9 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, जिसमें से लगभग 7 करोड़ रुपये का भुगतान संबंधित कार्य एजेंसी को किया जा चुका है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि योजना का लाभ अब तक उन्हें नहीं मिल पाया है। सूत्रों के अनुसार, जिन स्थानों पर पाइप लाइन बिछाने का काम दर्शाया गया है, वहां वास्तव में कोई काम नहीं हुआ है। इस मामले में तत्कालीन सीएमओ और एक इंजीनियर का नाम सामने आ रहा है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, जल्द ही एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की जा सकती है। इसमे और खुलासे हो सकते है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है और दोषी दंडित हो रहे है। ऐसे में पूरी संभावना है कि बोगस काम से जुड़े अधिकारी शायद ही बच सकेंगें। याद रहे हाल में ही विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार की एजेंसी के साथ-साथ सीबीआई ने कार्रवाई की है और कई प्रकार के खुलासे किए हैं। इस तरह की कार्रवाई से हडकंप बची हुई है और खास तौर पर वे लोग परेशान हैं जिन्होंने आर्थिक अपराध हो में अपनी भूमिका निभाने के साथ सरकार को आर्थिक चपत लगाई।

जानकारी के अनुसार जल आवर्धन के इस काम को पिछले 3 साल से किया जा रहा था। नगर पालिका के कुल 20 वार्ड है जिनमें से 9 वार्ड एसईसीएल के अंतर्गत आते है। वहां की मूलभूत सुविधा की जिम्मेदारी एसईसीएल की है। योजना का काम केवल 11 वार्ड में एजेंसी को करना था। प्रदेश सरकार क्रियान्वयन के लिए 9 करोड़ रूपये मंजूर किये थे। आधा अधूरा काम करने से जनता को कोई लाभ नहीं मिला। बताया गया कि ठेका एजेंसी पर अब कार्रवाई हो सकती है।

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