दहेज प्रताडनाः सीएसईबी के पूर्व अधिकारी, उसकी पत्नी व पुत्र के खिलाफ जुर्म दर्ज

कोरबा 06 फरवरी। दहेज की विकृति के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोतवाली पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में सीएसईबी के पूर्व अधिकारी, उसकी पत्नी और पुत्र के खिलाफ दहेज प्रताडना का मामला दर्ज किया है। उन पर विवाहिता को दहेज के नाम से परेशान करने और मारपीट करने सहित घर से निर्वासित करने का आरोप है। घटना के बाद से पीडिता अपने मायके में रहने को मजबूर है।

इस मामले में आरोपी पति नीरज कपिलेश व्यवसाई है। जबकि उसके पिता रमेश कपिलेश छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कंपनी के हसदेव पॉवर प्लांट में एसई के पद पर पदस्थ थे, जो कुछ दिन पहले ही रिटायर हुए हैं। वहीं उनकी पत्नी रोमी कपिलेश गृहिणी हैं। नीरज कपिलेश गायत्री मंदिर सीएसईबी चौक के पास सत्या इंटरप्राइजेस के नाम से कंप्यूटर स्टेशनरी का व्यवसाय करता है।पीडिता के मुताबिक वह एम कॉम तक पढ़ी हुई है। उसका रिश्ता एचटीपीपी कॉलोनी दर्री के क्वार्टर नंबर डी-1 निवासी रमेश कपिलेश के पुत्र नीरज कपिलेश के साथ तय हुआ। 7 दिसंबर 2022 को उनकी शादी हुई। कुछ दिन पहले ही पीडिता के पिता की आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। उनका रिश्ता कुछ परिचितों की मध्यस्थता के साथ हुआ था। पिता के निधन के बाद मां, चाचा व भाई ने शादी में कहीं कोई कमी नहीं की। नगद राशि, जेवर, महंगे कपड़े, फर्नीचर दहेज में दिया गया। यहां तक कि शादी और विवाह भोज का खर्च भी उन्होंने ही किया। शादी के बाद ससुराल वाले उसे बार-बार और दहेज लाने के लिए प्रताडि़त करने लगे। शादी के बाद भी और दहेज मुझे मेरे मायके से दिया गया। तब तक परिजन यह मान रहे थे कि कुछ दिनों में सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन ससुराल वालों की दहेज मांग का सिलसिला नहीं रुका। जिस पर एक बार डेढ़ लाख रुपए का सोने का कड़ा भी मेरे मायके वालों ने दिया। किंतु फिर भी उन्होंने और रुपए व कार की मांग की। न देने पर मुझ से मारपीट और मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाता रहा। पीडिता ने पुलिस को इस संबंध में दस्तावेजी प्रमाण भी पुलिस को दिए हैं। यह रिपोर्ट पीडिता ने सिटी कोतवाली में दर्ज कराई है। जिस पर आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रताडना का अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

सूत्रो के अनुसार 7 जून 2023 को ससुराल वालों ने केवल मारपीट की वरन् गला दबाकर जान लेने की कोशिश भी की। तब वह किसी तरह अपने कमरे में भागकर गई। कमरे का दरवाजा बंद कर फोन से अपने चाचा और मां को इसकी खबर की, तब वे भागे भागे एचटीपीएस कॉलोनी स्थित घर आए। ससुराल वालों ने उनसे कहा कि जब तक हमारी सारी मांग पूरी नहीं करोगे तब तक अब कोई बातचीत नहीं करना और मुझे घर से निकाल दिया। तब से पीडिता मायके में रह रही हूं। इस बीच पीडित पक्ष में सामाजिक स्तर पर इस मसले का हल निकालने के लिए कोशिश की लेकिन कोई परिणाम नहीं आए।

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