जिले में आखिरी दिन 128 किसानों ने बेचा 06 हजार 628 क्विंटल धान
कोरबा 05 फरवरी। जिले के 65 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी का कार्य रविवार को समाप्त हो गया। आखिरी दिन जिले के 30 उपार्जन केंद्रो में 9,321 क्विंटल धान बेचने के लिए 160 किसानों ने टोकन कटवाया था। इनमें 29 उपार्जन केंद्रों में 128 किसानों ने 6,628 क्विंटल धान विक्रय किया। खरीदी शुरू होने के 96 दिन बाद कुल 28.67 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई है। उठाव के लिए उपार्जन केंद्रों में 6.39 लाख धान अब भी शेष हैं। प्रशासन का पूरा ध्यान अब धान उठाव पर होगा।
जिले में अब तक हुई धान खरीदी ने पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। शासन की ओर जिले में 25 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया था। उम्मीद से 3.67 लाख क्विंटल धान की अधिक खरीदी हुई है। बीते वर्ष की तुलना में छह लाख क्विंटल धान की अधिक खरीदी हुई है। पिछले साल खरीफ वर्ष 2022-23 में 43,337 किसानों ने 60 उपार्जन केंद्रों में धान बेचा था। इस वर्ष अगस्त से 31 अक्टूबर तक चली नवीन पंजीयन में 5954 किसान शामिल हुए। इनमें 196 किसानों का पंजीयन निरस्त हो गया। इस बार धान बेचने के लिए 51,183 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें 43,491 किसानों ने धान बेचा है। धान बिक्री के लिए कुल रकबा 72 हजार 774.01 हेक्टयेर है। जिसमे इस वर्ष 5663.01 हेक्टेयर रकबा में बढ़त हुई है। बीते वर्ष किसानांे ने 22 लाख 2514 क्विंटल धान बेचा था। जिले में 52 लाख बारदानों की आवश्यकता थी जिसके विपरीत पर 48 लाख बारदानों का संग्रहण किया गया। बारदानों की कमी को देखते हुए मार्कफेड ने प्लास्टिक बारदानों की आपूर्ति बढ़ा दी। जिससे किसानों को धान बेचने में सहूलियत हुई। धान खरीदी में बिचौलियों की सक्रियता को रोकने लिए प्रशासन ने निगरानी तेज कर दी थी। जिलें में पंजीकृत 51,183 में 7,692 किसानों ने धान नहीं बेचा है।
नवगठित सरकार ने इस बार प्रत्येक किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की है। चुनावी घोषणा पत्र में 3100 रूपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया है। किसानों को पुराना 2195 रूपये दर से भुगतान की गई है। किसानों को अब अंतर की राशि के भुगतान का इंतजार है। माना जा रहा है लोकसभा चुनाव के पहले यह राशि किसानों के खाते में प्रदाय की जाएगी। चुनावी वर्ष होने की वजह से किसानों धान बिक्री के एवज में खूब लाभ मिला है। पांच साल पहले धान बेचने वाले 18,345 किसानों को वर्तमान सरकार ने दो साल की बोनस राशि प्रदान की गई।