कोरबा : बिना सुनवाई सिटी मजिस्ट्रेट सुना रहे फैसला, बाबू माँग रहा रिश्वत.. अधिवक्ताओं ने जताई नाराजगी
कोरबा 27 दिसंबर। धारा 151 के मामलों में बिना सुनवाई के आरोपियों को जमानत देने या फिर जेल भेजे जाने को लेकर वकीलों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। वकीलों का कहना है कि प्रतिबंधात्मक कार्रवाई में आरोपियों का पक्ष देखे-सुने बिना मजिस्ट्रेट फैसला दे रहे हैं, जो गलत है। उन्होंने कोर्ट के बाबू पर भी पैसे मांगने का आरोप लगाया है।
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में अन्य मामलों की तरह धारा 151 के मामलों में भी सुनवाई होती है, जिसमें मजिस्ट्रेट अपना फैसला सुनाते हैं। लेकिन बुधवार को बिना सुनवाई किए पांच मामलों में चार को जेल भेज दिया गया जबकि एक को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
वकीलों ने बताया कि वे बाहर खड़े हुए थे तथा आरोपियों के जमानत के लिए मुचलका फॉर्म भी भरा और जरुरत पड़ने पर पट्टा पेश करने को भी तैयार थे, लेकिन उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं मिला। इस स्थिति के लिए वकीलों ने बाबू को जिम्मेदार ठहराते हुए बाबू पर रिश्वत माँगने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि रिश्वत नही देने के कारण ही वकीलों को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।
वहीं सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाबू चंद राम सारथी ने पैसा मांगने के आरोप को गलत ठहराया है। वकीलों का कहना है कि अगर व्यवस्था सुचारु रुप से नहीं चली तो मजबूरन उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।