भाजपा की बढ़ी मुश्किल: बगावत की राह पर रेणुका सिंह.?

रायपुर 6 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ में स्पष्ट बहुमत प्राप्त होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी मुश्किल में पड़ गई है। बताया जा रहा है कि नव निर्वाचित विधायक और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह मुख्यमंत्री पद को लेकर बगावत के मूड में है? इस आशय का संकेत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी में हड़कंप मच गया है।

सूत्रों पर यकीन किया जाए तो अति महत्वाकांक्षी भाजपा नेत्री रेणुका सिंह विधायक निर्वाचित होने के तत्काल बाद से मुख्यमंत्री पद पर चयन की संभावना तलाशने में जुट गई है। निर्वाचित घोषित होने के तत्काल बाद पार्टी नेतृत्व से निर्देश प्राप्त होने पर वह पार्टी के सभी विधायकों की तरह ही राजधानी रायपुर पहुंच गई है। क्योंकि 4 दिसंबर को नव निर्वाचित विधायकों की बैठक आहूत किया जाने की सूचना थी। लेकिन एन वक्त पर बैठक निरस्त हो गई। इसके बाद कई विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र लौट गए और कई विधायक रायपुर में ही रुक गए। केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह भी ऑफिसर्स कॉलोनी देवेंद्र नगर स्थित अपने शासकीय आवास में रुकी हुई है। चर्चा है कि रेणुका सिंह इसी बंगले से बगावत की पटकथा लिखने का प्रयास कर रही हैं।

भाजपा हल्के में व्याप्त चर्चा के अनुसार केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह प्रदेश के विधायकों से लगातार संपर्क कर रही है और मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। बताया जा रहा है कि रेणुका सिंह के इस बगावती मूड की जानकारी पार्टी हाईकमान तक पहुंच चुकी है। उधर दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र प्रारंभ हो गया है, लेकिन रेणुका सिंह अभी तक दिल्ली नहीं पहुंची है। जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव दिल्ली पहुंच चुके हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच प्रदीर्घ चर्चा होने की जानकारी भी सामने आ रही है।

सूत्रों के अनुसार बुधवार की सुबह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा मैं टेलीफोन पर रेणुका सिंह से बात की है और उन्हें दिल्ली तलब किया है। माना जा रहा है कि रेणुका सिंह को संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए कहा गया है। लेकिन वास्तव में असली मकसद उनकी बगावत पर लगाम कसना है। बहरहाल सच्चाई जो हो, लेकिन बताया जा रहा है कि रेणुका सिंह के तेवर को लेकर भाजपा में भीतर ही भीतर हड़कंप मचा हुआ है।

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