कोयलांचल कुसमुण्डा मार्ग पर वाहनों का जाम, समस्या का समाधान नहीं

कोरबा 28 नवम्बर। लाख जतन करने के बाद भी कोरबा जिले में कोयलांचल कुष्मांडा मार्ग पर वाहनों का जाम लगना जारी है। इसके लिए साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड प्रबंधन के साथ-साथ कोयला वाहनों के चालकों की लापरवाही और मनमानी को सबसे ज्यादा जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसके चलते कुल मिलाकर आम लोग परेशान हो रहे हैं।

यह बात सही है कि इस रास्ते पर बनी समस्या को दूर करने के लिए कोयला कंपनी ने सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम के अंतर्गत 198 करोड रुपए खर्च करते हुए इमली छप्पर कुसमुंडा से सर्वमंगला तरदा तक फोरलेन सडक बनाना सुनिश्चित किया है। सडक विकास का काफी काम कर लिया गया है। जबकि कुछ स्थानों पर ब्लॉक बचे हुए हैं। नई सडक बनने से लोगों को कुछ हद तक सहूलियत हुई है लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि फोर लाइन सडक पर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वाले वाहनों की 6 लाइन लगने से बार-बार जाम की समस्या पैदा हो रही है। इसके चलते आम लोग परेशान हो रहे हैं। इस प्रकार की अव्यवस्था के लिए कोयला वाहनों के चालको के गैर जिम्मेदार रवैया को दोषी माना जा रहा है।

कुसमुंडा पुलिस थाना प्रभारी कृष्ण वर्मा ने बताया कि चुनौतियों को दूर करने के लिए हमारे स्टाफ को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हमने इसके लिए प्रबंधन के उच्च अधिकारियों से बात की है। जबकि कटघोरा एसडीएम ने 3 दिसंबर के बाद इस मसले पर विशेष रूप से एक बार फिर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और ट्रांसपोर्ट कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करना तय किया है। इससे पहले नगर पुलिस अधीक्षक दरी के द्वारा इसी विषय पर चर्चा की गई थी जिसमें गेट नंबर 4 से ही कोयला वाहनों की खदान में एंट्री और सुव्यवस्थित तरीके से आवाजाही करने पर निर्णय लिया गया था। सब कुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन उसके बाद फिर से ढाक के तीन पात वाली स्थिति पैदा हो गई।

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