हैवी ब्लास्टिंग से भरभरा कर गिरा स्कूल का छज्जा

कोरबा 09 नवंबर। खदान में लगातार हो रही हैवी ब्लास्टिंग की वजह से आसपास निवासरत ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विरोध के बाद भी एसईसीएल द्वारा हैवी ब्लास्टिंग बंद नहीं की जा रही है। पुनः हैवी ब्लास्टिंग होने से हायर सेकेंड्री स्कूल की छत का प्लास्टर टूट कर नीचे गया। घटना के वक्त कक्षा में कोई नहीं था, इससे अप्रिय हादसा टल गया।

साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड एसईसीएल की गेवरा खदान से 50 मीटर की दूरी पर शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल संचालित है। दोपहर के वक्त खदान में हैवी ब्लास्टिंग किया गया। इससे उत्पन्न कंपन से स्कूल के छत के प्लास्टर का बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया। घटना को लेकर बच्चों, शिक्षकों व स्टाफ में भय का माहौल व्याप्त है। बताया जा है कि दोपहर को दो बजे के स्कूल के ठीक पीछे एक साथ कई होल में बारूद भरकर एक साथ ब्लास्टिंग किया गयाए इससे स्कूल के छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर गया। घटना की जानकारी मिलने पर गेवरा के कुछ अधिकारी स्कूल पहुंचे और निरीक्षण किए। इस दौरान प्राचार्य, स्टाफ व विद्यार्थियों ने हैवी ब्लास्टिंग बंद करने की मांग की।

बताया जा रहा है कि गेवरा के महाप्रबंधक माइनिंग स्कूल का समय बदलने की बात कही, इस पर स्कूल प्रबंधन ने असमर्थता जताई। वहीं स्कूल के छात्र. छात्राओं का कहना है कि यदि एसईसीएल गेवरा प्रबंधन स्कूल के पीछे खदान में हैवी ब्लास्टिंग को बंद नहीं करता है तो खदान में उतरकर काम को बंद कराएंगे। प्राचार्य ने रजिस्टर में बैठक विवरण में महाप्रबंधक माइनिंग ने रजिस्टर में लिखे विद्यालय समय में ब्लास्टिंग नहीं करने से इंकार किया। गेवरा के महाप्रबंधक माइनिंग अशोक का कहना है कि स्कूल से खदान की दूरी बहुत ही कम है। स्कूल प्रबंधन अपने बच्चों के स्कूल समय का बदलाव कर लें। हैवी ब्लास्टिंग को कम कराने के संबंध में अधिकारियों से चर्चा करेंगे। मशीन लगा कर ब्लास्टिंग की तीव्रता को नापते हैं। स्कूल को कहीं अन्य स्थल पर शिफ्ट कराएं। नौ माह में नए जगह नई बिल्डिंग बन जाएगी वहीं स्कूल को संचालित कराएं। इसके साथ ही अभी स्कूल का समय सुबह आठ से दो बजे तक संचालित कराएं।

खदान में लगातार हो रही हैवी ब्लास्टिंग की वजह से स्कूल का भवन कमजोर हो चुका है और कभी भी गंभीर घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। हैवी ब्लास्टिंग होने से खदान से पत्थर भी उछल कर स्कूल परिसर तक पहुंच रहे हैं। वहीं स्कूल के खिड़की के शीशे भी टूट कर चकना चूर हो गए हैंए बाउंड्रीवाल टूट चुकी है। ब्लास्टिंग के बाद उड़ने वाली कोयलाए राखड़ के धूल से पूरा स्कूल परिसर पट जाता है। बच्चे जब स्कूल पहुंचे हैं तो पूरा कक्षा धूल से भरा रहता है और उन्हें धूल को साफ कर बैठना पड़ता है। हैवी ब्लास्टिंग को कम करने व स्कूल की दीवारए बिल्डिंग जर्जर होने, प्लास्टर गिरने की शिकायत स्कूल के प्राचार्य जीपी जाटवर ने अपने उच्च अधिकारियों व एसईसीएल गेवरा प्रबंधन से किया है, फिर भी आज तक इस समस्या से मुक्ति नहीं मिल सकी है। एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को पत्र लिखने पर एक.दो अधिकारी स्कूल आकर ब्लास्टिंग कम करने का आश्वासन देकर चले जाते हैं।

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