डॉ चरणदास और जयसिंह की चक्की में पीस रही कोरबा जिले की तीन कांग्रेस टिकट…?

कोरबा जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों की कांग्रेस टिकट में फंसा पेंच, दिल्ली तक घमासान

कोरबा 17 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की तीन विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस टिकट पर पेच फस गया है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में कोरबा से लेकर दिल्ली तक घमासान मच गया है। जिले के चार विधानसभा क्षेत्र में से अब तक केवल कोरबा विधानसभा क्षेत्र का कांग्रेस प्रत्याशी घोषित हो पाया है। कोरबा विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को पार्टी की पहली सूची में कोरबा से प्रत्याशी घोषित किया गया है।

कोरबा जिले में कुल चार विधानसभा क्षेत्र क्रमशः रामपुर, कोरबा, कटघोरा और पाली तानाखार हैं। रविवार को कांग्रेस की ओर से 30 प्रत्याशियों की घोषणा की गई है, जिसमें कोरबा विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित किया गया है। जबकि रामपुर, कटघोरा और पाली तानाखार क्षेत्र में टिकट बंटवारे को लेकर भारी विवाद शुरू हो गया है। वर्तमान में रामपुर में भाजपा का कब्जा है और कटघोरा एवं पाली तानाखार में कांग्रेस विधायक हैं।

पाली तानाखार

अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इस क्षेत्र से वर्तमान में कांग्रेस के मोहितराम केरकेट्टा विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में मोहित राम केरकेट्टा का परफॉर्मेंस कमजोर पाया गया है। इसके अलावा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उनको लेकर गहन असंतोष व्याप्त है। साथ ही उनकी उम्मीदवारी का कड़ा विरोध किया जा रहा है। इसके अलावा पिछले दिनों उनके कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिनमें काम दिलाने के बदले आर्थिक लेनदेन करने का आरोप सामने आया है। कांग्रेस हल्के में व्याप्त चर्चा के अनुसार मोहितराम केरकेट्टा के स्थान पर किसी अन्य पार्टी नेता को प्रत्याशी घोषित किए जाने पर पार्टी में सहमति बन चुकी है। मगर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत पाली तानाखार विधायक को दोबारा मौका दिए जाने के पक्ष में है, जिसके चलते पार्टी में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

कटघोरा

जिले के इस सामान्य विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के पुरुषोत्तम कंवर विधायक हैं। वह पहली बार विधायक चुने गए हैं, लेकिन पुरुषोत्तम कंवर के पिता बोधराम कंवर कटघोरा क्षेत्र से पूर्व में छह बार विधायक रह चुके हैं। बोधराम कंवर अभिभाजित मध्य प्रदेश और वर्तमान छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी नेता हैं। कांग्रेस पार्टी अपने कद्दावर आदिवासी नेता की उपेक्षा करने की कल्पना भी नहीं कर सकती। परंतु दूसरी ओर पार्टी के सामान्य वर्ग के नेता कटघोरा क्षेत्र से किसी भी आदिवासी को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। जिला कांग्रेस कोरबा के पूर्व अध्यक्ष हरीश परसाई का कहना है कि कोरबा जिले में दो विधानसभा क्षेत्र सामान्य वर्ग के लिए और दो विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए है पार्टी को रिजर्व विधानसभा क्षेत्र से अनुसूचित जनजाति वर्ग से प्रत्याशी देना चाहिए और शेष दो सामान्य क्षेत्र से सामान्य वर्ग का प्रत्याशी बनाया जाना चाहिये। हरीश परसाई की तरह ही पार्टी के कई अन्य कद्दावर कांग्रेस नेता और वरिष्ठ कार्यकर्ता सामान्य क्षेत्र से सामान्य वर्ग के व्यक्ति को पार्टी की टिकट देने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में तभी जुबान से यह भी चर्चा सुनने में आ रही है कि कोरबा विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल पर्दे के पीछे से इन नेताओं को प्रश्रय दे रहे हैं। राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल के इस विरोध का कारण यह बताया जा रहा है कि सन 1998 के विधानसभा चुनाव में जब जयसिंह अग्रवाल को कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया गया था, तब अपनी टिकट कटने से नाराज बोधराम कंवर ने भीतरखाने उनका विरोध कर चुनाव हराने में प्रमुख भूमिका अदा की थी। अब राजस्व मंत्री इसका बदला चुकाने में जुट गए हैं और उनके पुत्र विधायक पुरुषोत्तम कंवर की टिकट काटे जाने की राजनीति कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है की पुरुषोत्तम कंवर की टिकट काटकर उनके सहयोग के बिना कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में विजय प्राप्त नहीं की जा सकती इतना ही नहीं कोरबा जिले के दो अन्य आरक्षित विधानसभा क्षेत्र रामपुर और पाली तानाखार में भी चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। यही वजह है कि कांग्रेस इस क्षेत्र में प्रत्याशी चयन को लेकर दुविधा में है।

रामपुर

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्र में भी सिर फुटौब्बल की नौबत आई हुई है। यहां से पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर और उनके पुत्र महेंदर कंवर पार्टी टिकट के दावेदार हैं। श्यामलाल कंवर के बड़े भाई स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर पूर्व में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। वह 6 बार रामपुर क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। अविभाजित मध्य प्रदेश में वे उप मुख्यमंत्री सहित मंत्री और विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के निधन के बाद सन 2013 के चुनाव में श्यामलाल कंवर को प्रत्याशी बनाया गया था और उन्होंने प्रदेश के तत्कालीन गृह मंत्री ननकीराम कंवर को पराजित कर विधानसभा में प्रवेश किया था। लेकिन 2018 में श्यामलाल को भाजपा के ननकीराम कंवर ने हरा दिया था। राजनीतिक जानकारों के अनुसार श्यामलाल कंवर और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के संबंध अच्छे नहीं हैं। इसी वजह से राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल उनके स्थान पर फूल सिंह राठिया को कांग्रेस की टिकट दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन रामपुर क्षेत्र में फूलसिंह राठिया का कड़ा विरोध हो रहा है। इतना ही नहीं क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचकर फूलसिंह राठिया को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल फूलसिंह राठिया सन 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ( जे ) से चुनाव लड़ चुके हैं और कांग्रेस के कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के किसी भी समर्थन को पार्टी में स्थान देने और पार्टी की टिकट देने की खिलाफत कर रहे हैं। दूसरी ओर श्यामलाल कंवर और उनके पुत्र महेंदर कंवर भी पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार हैं। रामपुर विधानसभा क्षेत्र को एक तरह से स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के परिवार का गढ़ माना जाता है और उनकी उपेक्षा कर इस क्षेत्र से चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। यही वजह है कि इस क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित करने के लिए कांग्रेस पार्टी को पसीना बहाना पड़ रहा है। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत तथा सांसद ज्योत्स्ना महंत भी श्यामलाल कंवर या उनके पुत्र महेंदर कंवर को पार्टी टिकट दिए जाने के पक्षधर हैं। इस वजह से भी कांग्रेस को प्रत्याशी चयन में कठिनाई महसूस हो रही है।

बहरहाल कोरबा जिले के इन तीन विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस पार्टी क्या रास्ता निकालती है यह देखना दिलचस्प होगा। इस क्षेत्र में चुनाव के दूसरे चरण में मतदान होना है लेकिन कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी चयन में अधिक विलंब करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी घोषित करने के मामले में पहले ही कांग्रेस से बढ़त ले ली है और जिले के सभी चार विधानसभा क्षेत्र के लिए उसने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भाजपा प्रत्याशी सभी चार विधानसभा क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार भी प्रारंभ कर चुके हैं। कहा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी को शीघ्र ही कोई रास्ता निकालकर प्रत्याशियों की घोषणा करना होगा।

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