आ गया चुनाव @ गेंदलाल शुक्ल

आ गया चुनाव भाई,
आ गया चुनाव,
लो फिर आ गया चुनाव.!

नेता जी आएंगे
गीत नया गाएंगे
ठुमके लगाएंगे
तुमको रिझाएंगे
तुमसे दिखाएंगे
गहरा लगाव

आ गया चुनाव भाई,
आ गया चुनाव,
लो फिर आ गया चुनाव.!

सपने दिखाएंगे
भ्रमजाल फैलाएंगे
रमई पण्डो के घर में
चटनी बासी खाएंगे
गुहार वो लगाएंगे
पार लगा दो नाव

आ गया चुनाव भाई,
आ गया चुनाव,
लो फिर आ गया चुनाव.!

दिहाड़ी मजदूरों की
भीड़ वो जुटाएंगे
द्वार-द्वार घूमकर
फिर से बरगलाएंगे
अपनी जरूरतों का
दीजिए सुझाव

आ गया चुनाव भाई,
आ गया चुनाव
लो फिर आ गया चुनाव.!

कहां थे पांच साल
क्यों ना पूछा हालचाल
तुम जो करो सवाल
आंख करो लाल-लाल
वो धार-धार आंसू बहाएंगे
पखार लेंगे तुम्हारे पांव

आ गया चुनाव भाई,
आ गया चुनाव
लो फिर आ गया चुनाव.!

मस्जिद में जाएंगे
तो चर्च में भी आएंगे
मंदिर पहुंच कर
मस्तक झुकायेंगे
और कुछ बचा हो
तो दीजिए सुझाव

आ गया चुनाव भाई,
आ गया चुनाव
लो फिर आ गया चुनाव.!

दस का मुर्गा खाओगे
चेपटी चख लहराओगे
पीले- हरे नोट ले के
कांख में दबाओगे
पांच साल रिरियाओगे
फिर, मत दिखाना ताव

आ गया चुनाव भाई,
आ गया चुनाव
लो फिर आ गया चुनाव.!

साड़ी और बिछिया संग
सुनो पायल की झंकार
झुग्गी झोपड़ी बस्ती में
आने वाली है बहार
पहले हुई गलती को
मत फिर से दोहराव

आ गया चुनाव भाई,
आ गया चुनाव
लो फिर आ गया चुनाव.!

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