सुहागिनों ने पति के दीर्घायु के लिए तीज पर रखा उपवास

कोरबा 19 सितंबर। हरितालिका तीज पर सोमवार को सुहागिनों ने उपवास रखकर अपने पति के दीर्घायु की कामना की। त्यौहार मनाने ससुराल से मायके पहुंची सुहागिनों में विशेष उत्साह देखा गया। देर शाम तक महिलाओं ने सफल दांपत्य के लिए शिव-पार्वती की पूजा अर्चना कर तीज व्रत कथा का श्रवण किया। श्रृंगार व पूजा विधान के पश्चात कीर्तन भजन का दौर रात्रि में जारी रहा।

तीज पर्व का छत्तीसगढ़ में विशेष महत्व होता है। इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए महिलाएं अपने ससुराल से मायके पहुंच चुकी हैं। जो महिलाएं अपने मायके नहीं पहुंचीए उन्होंने ससुराल में ही रहकर उपवास रखा। सोमवार की सुबह से ही महिलाओं ने इस व्रत के लिए पूर्व से ही व्यापक तैयारी कर ली थीं। उपवास के दौरान महिलाओं द्वारा पूरे श्रृंगारिक वेशभूषा में एक-दूसरे को सजने-सजाने के लिए सहयोग दिया जाता रहा। व्रतियों ने नई साड़ी व विविध आभूषणों से सजने के साथ-साथ हाथों में विविध आकृति के मेहंदी लगवाए। तीज के अवसर पर विविध प्रकार के व्यंजन पकवान बनाए गए। शाम होते-होते सुहागिनों ने गणेश व शिव-पार्वती की पूजा आराधना के साथ-साथ अपने पति की आरती उतारकर उनसे आशीर्वाद लिया गया। महिलाओं का मानना है कि इस त्यौहार में उपवास का विशेष महत्व होता है। उपवास के माध्यम से एक ओर जहां ईश्वर से सुहाग के दीर्घायु होने की कामना की गई वहीं सुखद दाम्पत्य जीवन के लिए भगवान से विनती की गई। उपवास व पूजा अर्चना के बाद महिलाओं ने पुलाहार व छत्तीसगढ़ी पकवानों से अपना व्रत तोड़ा। देर रात तक महिलाओं द्वारा जागरण कर भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता रहा।

तीज पर्व में मायके पहुंची सुहागिनो में अपने बचपन की सहेलियों से मिलने का उल्लास रहा। पूजा के अर्चना के बाद एक दूसरे से सुख दुख की बाते की जाती रही। खास कर शादी के बाद पहली बार मायके पहुंची बेटिया में पर्व को लेकर अपूर्व उत्साह बना हुआ है। पर्व में सुहागिनों के अलावा कुंवारियों ने भी सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए उपवास रखकर व्रत किया। उपवास के दूसरे दिन शुक्रवार चतुर्थी को महिलाएं एक दूसरे को तीजा बासी व प्रसाद ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करेंगी। पर्व में विशेषकर ठेठरी, खुर्मी, कुसली, चौसेला, गुजहाए,सोहारी, आएरसा रोटी बनाई गई है। बेटियां जब अपने मायके से वापस ससुराल जाएंगी तब विभिन्न् शगुन के साथ तीजा रोटी ठेठरी खुर्मी देकर विदा किया जाता है।

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