कोयला व डीजल चोरी मामले हुए कम, सुरक्षा कर्मियों ने ली राहत की सांस

कोरबा 11 सितम्बर। आखिरकार सुरक्षा तंत्र की सख्ती और चौतरफा घेराबंदी करने के नतीजे साफतौर पर सामने हैं। जिले में संचालित साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की माइंस में कोयला और डीजल की चोरी के मामले कुछ कम हुए हैं। घोषित तौर पर एक पखवाड़े में ऐसे कोई प्रकरण सामने नहीं आए हैं इससे सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।

एसईसीएल की गेवरा और दीपका विस्तार खदानों में चोर गैंग लंबे समय से कुछ ज्यादा ही सक्रिय थी। संगठित अपराध के तौर पर इस काम को अंजाम दिया जा रहा था जिसके लिए आसपास के गांव के कई लोग पेशेवर अंदाज में खदानों में घुसकर सरेआम चोरी.चकारी कर रही थी। लगातार ऐसे मामले सामने आए जब खदान के यार्ड और वर्कशॉप के साथ.साथ अन्य क्षेत्र में खड़े वाहनों से डीजल और कोयला की चोरी की जाती रही। कुछ मौकों पर सीआईएसएफ के द्वारा चोर गैंग को पकडऩे अथवा उनके द्वारा छोड़े गए सामान को पुलिस के सुपुर्द किया गया लेकिन बहुत प्रभावी कार्रवाई करने की मानसिकता नहीं बनाई गई। पिछले दिनों सीआईएसएफ ने जांजगीर.चांपा पासिंग कैम्पर वाहन से साढ़े चार सौ लीटर डीजल पकड़ा था। जिसके चालक और सहयोगी भाग खड़े हुए थे। इस मामले में तथ्यों की अनदेखी करने के आरोप लगे थे। जिसके बाद पुलिस थाना में परिवर्तन हो गया।

जानकारी के मुताबिक लगातार हो रही ऐसी घटनाओं के बाद एसईसीएल के उच्च स्तर से मिले ग्रीन सिग्नल के आधार पर सीआईएसएफ पूरे तेवर के साथ सख्ती दिखा रहा है। कई मामलों में मौकों पर चोरों की बेदम कुटाई की गई है और उन्हें चेतावनी देने के साथ बख्शा गया है। इस तरह के नमूनों ने आसपास के अपने साथियों को समझाया है कि अब तस्वीर कुछ अलग है। शायद यही कारण है कि खदानों में घुसने के साथ चोरी कर सीना जोरी करने वाले तत्व सही दिशा पकडऩे में लगे हुए हैं। हालांकि एसईसीएल की मानिकपुर परियोजना सहित अन्य क्षेत्रों से घरेलू उपयोग के नाम पर कोयला की चोरी पहले की तरह जारी है और इसकी आड़ में दूसरी गैंग को पनपने का मौका दिया जा रहा है।

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