प्रकाश इंडस्ट्रीज को कोयला खदान आबंटन: पूर्व अधिकारी को 3 साल जेल, 5 लाख जुर्माना
नईदिल्ली 23 अगस्त। दिल्ली की अदालत ने छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित कोयला घोटाला मामले में इस्पात मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी को तीन साल की जेल की सजा सुनाई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस्पात मंत्रालय के जेपीसी (ज्वाइंट प्लांट कमेटी) के पूर्व कार्यकारी सचिव गौतम कुमार बसाक को विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक आवंटन में भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने बसाक को सजा सुनाई. बसाक को पिछले हफ्ते कोर्ट ने दोषी करार दिया था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, जनवरी 2007 में कोयला ब्लॉक के लिए आवेदन करने वाली प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उसने अपनी क्षमता के बारे में गलत जानकारी दी थी.मंत्रालय ने बसाक को आरोप की सच्चाई का पता लगाने का निर्देश दिया था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस्पात मंत्रालय के अधिकारी ने 2008 में कंपनी द्वारा किए गए दावों का समर्थन करते हुए एक झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत की.
कंपनी और उसके निदेशक को हाईकोर्ट ने किया था बरी
कंपनी और उसके निदेशक को पहले इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआई की अपील फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. ट्रायल कोर्ट में सीबीआई का प्रतिनिधित्व उसके उप कानूनी सलाहकार संजय कुमार ने किया.